सऊदी अरब में पहली बार मनाया गया 'फ्लैग डे', लेकिन इसे देख नहीं पाया झंडे का डिजाइनर, ग़मगीन हुआ माहौल
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सऊदी अरब में पहली बार मनाया गया 'फ्लैग डे', लेकिन इसे देख नहीं पाया झंडे का डिजाइनर, ग़मगीन हुआ माहौल

Saudi Aarabia: सऊदी अरब ने 11 मार्च को पहली बार फ्लैग डे मनाया और उसी दिन उनके इस झंडे का डिज़ाइन करने वाले कैलिग्राफर का देहांत हो गया. 

सऊदी अरब में पहली बार मनाया गया 'फ्लैग डे', लेकिन इसे देख नहीं पाया झंडे का डिजाइनर, ग़मगीन हुआ माहौल

Saudi Arabia Calligrapher Saleh al-Mansouf: सऊदी अरब के झंडे को डिजाइन करने वाले मशहूर कैलिग्राफर सालेह अल-मंसुफ का 86 बरस की उम्र में निधन हो गया. कैलिग्राफर सालेह ने सऊदी अरब के झंडे में सफेद रंग से कलिमा तैयबा और तलवार का डिज़ाइन को अपडेट किया था. 

रिपोर्टों के मुताबिक अल मंसूफ पहले ऐसे कैलिग्राफर थे जिन्होंने टेक्नोलॉजी और प्रिंटिंग मशीने ना होने के बावजूद 1960 की दहाई की शुरुआत में सऊदी अरब के झंडे पर तलवार और कलबा लिखने वाले पहले सऊदी कैलिग्राफर थे. इसके अलावा, वह उन पहले कैलिग्राफर्स में से एक थे जिनकी लिखावट इमाम मुहम्मद बिन सऊद विश्वविद्यालय के कई ग्रेजुएट छात्रों के सर्टिफिकेट पर लिखी हुई है. आधिकारिक अवसरों और समारोहों के दौरान उपयोग के लिए सुलेख पैनल बनाने के लिए अल-मंसूफ को रियाद नगर पालिका के ज़रिए भी नियुक्त किया गया था.

बता दें कि इसी महीने सऊदी अरब के किंग सलमान ने हर साल 11 मार्च को 'फ्लैग डे' मनाने का फरमान जारी किया था. सऊदी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक किंग सलमान ने फ्लैग डे मनाने का शाही फरमान जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि सऊदी अरब का झंडा एकेश्वरवाद, शांति और इस्लाम का संदेश देता रहा है. शाही फरमान में कहा गया है कि सऊदी झंडा कभी नीचे नहीं किया जाएगा, इसे हमेशा ऊपर उठाया जाएगा.

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