देव उठनी एकादशी के दिन तुलसी विवाह का विधान है. इस दिन तुलसी के पौधे पर लाल रंग की चुनरी अर्पित करनी चाहिए. चुनरी अर्पित करते समय इस मंत्र महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी आधि व्याधि हरा नित्यं, तुलसी त्वं नमोस्तुते। का उच्चारण करें. माना जाता है कि इस तरह तुलसी पर चुनरी अर्पित करने से तुलसी मां और भगवान शालीग्राम जल्द प्रसन्न हो जाते हैं. साथ ही, सुख-शांति और धन-वैभव की प्राप्ति होती है.
शास्त्रों में कहा गया है कि तुलसी में मां लक्ष्मी का वास होता है और लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए नियमित रूप से सुबह-शाम तुलसी के पास घी का दीपक जलाना चाहिए. देवउठनी एकादशी के दिन भी तुलसी पर घी का दीपक जलाने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तुलसी में कच्चा दूध अर्पित करने का भी विधान है. तुलसी विवाह के दिन तुलसी में थोड़ा कच्चा दूध अर्पित करें और ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:' का उच्चराण करें. कहते हैं कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु प्रसन्न होकर कृपा बरसाते हैं.
तुलसी विवाह के दिन पीले रंग का धागा लें और शरीर के बराबर लंबाई जितना काट लें. इसके बाद इस धागे में 108 गांठें लगाएं और तुलसी के पौधे के नीचे बांध दें. इस दौरान अपनी मनोकामना कहें. मनोकामना पूर्ण होने पर इस धागे को खोलकर जल में प्रवाहित कर दें.
लाल धागा बांधें - देव उठनी एकादशी के दिन तुलसी के पौधे में लाल रंग का कलावा बांधना शुभ माना जाता है. इससे भगवान विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं.
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