धार्मिक ग्रंथों के अनुसार गणेश जी के प्राण का प्रतीक अक्षत को माना गया है. ऐसे में उन्हें अक्षत जरूर अर्पित करें. कहते हैं कि पूजा में इन चीजों को शामिल करने से गणेश जी भक्तों से प्रसन्न होकर उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. अक्षत अर्पित करते समय इस बात का खास ख्याल रखें कि अक्षत सूखे और टूटे नहीं होने चाहिए. गणेश जी को अक्षत गीले करके ही चढ़ाने चाहिए. इससे व्यक्ति की मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है.
शास्त्रों में कहा गया है कि भगवान गणेश का एक रूप सिंदूर वर्ण हैं. ऐसे में गणेश जयंती के दिन गणेश जी को सिंदूर अर्पित करना न भूलें. ज्योतिषीयों का कहना है कि इससे व्यक्ति के जीवन में सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भगवान गणेश को केले भी बेहद प्रिय है. ऐसे में माघ चतुर्थी पर गणपति को केले अर्पित करें. इससे भी बप्पा की कृपा प्राप्त होती है और जातक को व्यापार और नौकरी में खूब तरक्की मिलती है.
भगवान गणेश को मोदक बहुत प्रिय है. ऐसे में उन्हें भोग के समय मोदक या फिर बूंदी के लड्डू अर्पित करने से बप्पा की कृपा प्राप्त होती है. मान्यता है कि मोदक का भोग लगाने से भगवान गणेश अति प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति के धन-धान्य की बढ़ोतरी होती है.
ज्योतिष शास्त्र में भगवान गणेश को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए उन्हें दूर्वा अर्पित की जाती है. ऐसे में गणेश जयंती के दिन भगवान गणेश को जोड़े में दूर्वा अर्पित करने से विशेष फल प्राप्त होता है. इस दिन 22 दूर्वा को जोड़े बना कर 11 जोड़े दूर्वा के तैयार कर लें.
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