बजट के बाद सोना सस्‍ता और चांदी महंगी होगी! इकोनॉमिक सर्वे में बताया क्‍या है कारण?
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बजट के बाद सोना सस्‍ता और चांदी महंगी होगी! इकोनॉमिक सर्वे में बताया क्‍या है कारण?

सोने की कीमत भले ही फ‍िलहाल र‍िकॉर्ड लेवल पर चल रही हैं. लेक‍िन आने वाले समय में इसमें ग‍िरावट आने की संभावना जताई जा रही है. इकोनॉम‍िक सर्वे से यह संभावना जताई गई है क‍ि चांदी अगले फाइनेंश‍ियल ईयर में और महंगी हो सकती है. 

बजट के बाद सोना सस्‍ता और चांदी महंगी होगी! इकोनॉमिक सर्वे में बताया क्‍या है कारण?

Gold Price: सोने की कीमत भले ही फ‍िलहाल र‍िकॉर्ड लेवल पर चल रही हैं. लेक‍िन आने वाले समय में इसमें ग‍िरावट आने की संभावना जताई जा रही है. इकोनॉम‍िक सर्वे से यह संभावना जताई गई है क‍ि चांदी अगले फाइनेंश‍ियल ईयर में और महंगी हो सकती है. 

  1. Economic Survey 2025: सरकार ने संसद में इकोनॉमिक सर्वे 2025 (economic survey 2025) के अनुसार साल 2025 में सोने की कीमत में गिरावट और चांदी की कीमत में बढ़ोतरी की संभावना है. यह अनुमान वर्ल्‍ड बैंक के 'कमोडिटी मार्केट्स आउटलुक' अक्टूबर 2024 (World Bank's Commodity Markets Outlook) की रिपोर्ट पर बेस्‍ड है. रिपोर्ट के अनुसार 2025 में कमोडिटी मार्केट की कीमत में 5.1% और 2026 में 1.7% की गिरावट देखी जा सकती है. यह गिरावट मुख्य रूप से क्रूड ऑयल के टूटने के कारण होगी. हालांकि, नेचुरल गैस की कीमत में बढ़ोतरी और धातु एवं एग्रीकल्‍चर प्रोडक्‍ट की कीमतें इस गिरावट को कुछ हद तक संतुलित कर सकती हैं.
  2. चांदी की कीमत बढ़ने की संभावना
  3. इकोनॉम‍िक सर्वे के अनुसार सोने की कीमत घटने और चांदी की कीमतें बढ़ने की संभावना है. इसके अलावा आयरन और जिंक की कीमत में गिरावट के कारण धातुओं और खनिज की कीमतें कम हो सकती हैं. देश में कई जरूरी वस्तुओं का आयात किया जाता है. सर्वे के अनुसार, कमोडिटी कीमत में गिरावट घरेलू महंगाई के लिए पॉज‍िट‍िव हो सकती है. इससे आयात खर्च कम होगा और देश की इकोनॉमी को फायदा मिलेगा.
  4. सोने की मांग और विदेशी मुद्रा भंडार पर असर
    2024 में ग्‍लोबल अनिश्‍च‍ितता बढ़ने के कारण, विदेशी मुद्रा भंडार के कम्‍पोज‍िशन में बदलाव आया है. साल 2024 में सोने के भंडार का स्तर सेकेंड वर्ल्‍ड वार के बाद सबसे हाई लेवल पर पहुंच गया. इसकी मुख्य कारण तेजी से बढ़ती इकोनॉमी के सेंट्रल बैंकों की तरफ से सोने ज्‍यादा मात्रा में खरीदा जाना है. भारत में भी सोने का आयात बढ़ने का कारण ग्‍लोबल लेवल पर सोने की ऊंची कीमत, फेस्‍ट‍िव सीजन से पहले की खरीदारी और सुरक्षित निवेश का व‍िकल्‍प खोजने के कारण बढ़ा है.
  5. डॉलर पर निर्भरता घट रही है
    आईएमएफ (IMF) के अनुसार, ग्‍लोबल फॉरेन एक्‍सचेंज र‍िजर्व स‍िस्‍टम में धीरे-धीरे बदलाव आ रहा है. डॉलर की प्रमुखता कम हो रही है और गैर-पारंपरिक मुद्राओं की भूमिका बढ़ रही है. सर्वे में सुझाव दिया गया कि जहां सोने के रेट में अनुमानित गिरावट निवेशकों की धारणा को प्रभावित कर सकती है. इसके उलट चांदी की कीमत में तेजी की उम्‍मीद से सर्राफा बाजार को तेजी म‍िल सकती है.
  6. क्‍या होगी सरकार की रणनीति?
    सरकार आने वाले फाइनेंश‍ियल ईयर में कीमती धातुओं के रेट पर पैनी नजर रखेगी. इसका असर महंगाई, व्यापार और विदेशी मुद्रा भंडार पर पड़ेगा. भारत दुनिया के सबसे बड़े सोने के आयातक देशों में से एक है. फेस्‍ट‍िव सीजन और शादी में सोने की मजबूत मांग को ध्यान में रखते हुए अपनी नीत‍ियों को बदलाव कर सकता है. 

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