Adani FPO: हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद दिग्गज बिजनेसमैन गौतम अडानी को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं. उनकी कंपनी के शेयरों में लगातार गिरावट जारी है. इस बीच, कंपनी ने एक बड़ा फैसला लिया है.
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Adani Enterprises FPO: हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद दिग्गज बिजनेसमैन गौतम अडानी को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं. उनकी कंपनी के शेयरों में लगातार गिरावट जारी है. इस बीच, अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज FPO लाने की योजना को रद्द कर दिया है. शेयर मार्केट में उतार-चढ़ाव के कारण कंपनी ने ये फैसला लिया है. यानी कंपनी निवेशकों के पैसे लौटाएगी.
अडानी एंटरप्राइजेज की ओर से जारी बयान में कहा गया, कंपनी के निदेशक मंडल ने आज आयोजित अपनी बैठक में अपने ग्राहकों के हित में निर्णय लिया कि 20,000 करोड़ रुपये के FPO को नहीं लाएगी.
Board of Directors of the Company at its meeting held today decided in the interest of its subscribers, not to proceed with the FPO of equity shares aggregating up to Rs 20,000 Cr of face value Rs 1 each on partly paid-up basis, which was fully subscribed: Adani enterprises pic.twitter.com/08Wrknkk6k
— ANI (@ANI) February 1, 2023
बता दें कि अडानी समूह की प्रमुख कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज के अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (FPO) को पूर्ण अभिदान मिल गया था. शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक 20,000 करोड़ रुपये के एफपीओ को मंगलवार को निर्गम के आखिरी दिन निवेशकों का समर्थन मिला था जिनमें कुछ साथी उद्योगपतियों की पारिवारिक कंपनियां एवं गैर-खुदरा निवेशक शामिल हैं.
शेयर बाजार से मिले आंकड़ों के मुताबिक, एफपीओ के तहत की गई 4.55 करोड़ शेयरों की पेशकश के मुकाबले 4.62 करोड़ शेयरों की मांग निवेशकों की तरफ से की गई. बीएसई के आंकड़ों के अनुसार, गैर-संस्थागत निवेशकों ने उनके लिए आरक्षित 96.16 लाख शेयरों के मुकाबले तीन गुना से अधिक शेयरों के लिए बोलियां लगाईं.
प्रस्ताविक कीमत कंपनी के शेयर से ज्यादा होने के बावजूद 4.55 करोड़ शेयरों के प्रस्ताव के बदले 5.08 करोड़ शेयरों की मांग की गई. पात्र संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) के लिए आरक्षित 1.28 करोड़ शेयरों को लगभग पूरा अभिदान मिला. हालांकि, खुदरा निवेशकों और कंपनी के कर्मचारियों की एफपीओ के प्रति उदासीनता देखने को मिली. खुदरा निवेशकों के लिए लगभग आधा निर्गम आरक्षित था, जबकि उन्होंने अपने लिए आरक्षित 2.29 करोड़ शेयरों में से केवल 11 प्रतिशत के लिए बोली लगाई.
कर्मचारियों के लिए आरक्षित 1.6 लाख शेयरों में 52 फीसदी के लिए बोलियां आईं. उद्योग सूत्रों ने कहा कि देश के कुछ बड़े उद्योगपतियों के परिवार की तरफ से भी शेयरों के लिए बोलियां लगाई गईं. हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में अडाणी समूह पर कई गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद इसके शेयरों में भारी बिकवाली हुई है. इससे एफपीओ को पूर्ण अभिदान मिलने पर आशंका पैदा हो गई थी.
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