Iran Israel War: यूक्रेन और रूस का युद्ध, इजरायल और हमास का युद्ध और अब ईरान और इजरायल का युद्ध... बीते कुछ सालों में दुनिया एक के बाद एक संकट से गुजर रहा है. ईरान और इजरायल मिडिल ईस्ट के उन मुल्कों में से एक हैं, जिनके बीच तनाव और टकराव कोई नई बात नहीं है.
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Iran-Israel War: यूक्रेन और रूस का युद्ध, इजरायल और हमास का युद्ध और अब ईरान और इजरायल का युद्ध... बीते कुछ सालों में दुनिया एक के बाद एक युद्ध संकट से गुजर रहा है. ईरान और इजरायल मिडिल ईस्ट के उन मुल्कों में से एक हैं, जिनके बीच तनाव और टकराव कोई नई बात नहीं है. इजरायल हमास के युद्ध के बाद गाजा में इजरायल की बमबारी को लेकर पहले से ही दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था. 1 अप्रैल को जब सीरिया में ईरानी दूतावास पर इजरायल ने हमला किया को ईरान के सब्र का बांध टूट गया. 13 अप्रैल को ईरान ने इजरायल पर हमला कर दिया. इन कट्टर देशों के बीच शुरू हुए युद्ध ने दुनियाभर की चिंता बढ़ा दी है. युद्ध के बीच एक नजर दोनों देशों की इकोनॉमी, उसकी पैसों की ताकत, डिफेंस बजट पर डालते हैं.
ईरान की इकोनॉमी की बात करें तो उसकी अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से तेल और प्राकृतिक गैस निर्यात पर निर्भर है. साल 2024 में ईरान का GDP ग्रोथ 421.35 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहने का अनुमान है. साल 2023 में ईरान की जीडीपी 366.438 अरब डॉलर रही. आर्थिक मोर्चे पर रैंकिंग की बात करें तो ये 42वें नंबर पर है. वहीं अगर इजरायल की अर्थव्यवस्था की बात करें तो लंबे वक्त से युद्ध झेल रही इजरायल की इकोनॉमी हिली हुई है. गाजा पट्टी में चल रहे जंग के बीच इजरायल की अर्थव्यवस्था साल 2023 में 436 अरब डॉलर रही. देश में भारी बेरोजगारी, श्रमिकों की कमी जैसे संकट से जूझना पड़ रहा है.
अगर ईरान की बात करें तो तेल के विशाल भंडार के बावजूद ईरान की बर्बाद हो चुकी अर्थव्यवस्था के बीच लोगों का वहां अपना जीवन चला पाना मुश्किल हो रहा है. ईरानी लोग पैसे की खातिर अब अपने शरीर के अंग तक बेचने को मजबूर हो गए हैं. द नेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक ईरान की राजधानी तेहरान के वलिअस्र चौक पर आपको ऐसा विज्ञापन दिक जाएंगे, जहां लोग अपने शरीर के अंग बेचने को तैयार है. विज्ञापन में उनका पता और फोन नंबर लिखा होता है. लोगों किडनी बेचकर जीवन जी रहे हैं. ट्विटर, इंस्टाग्राम और टेलीग्राम पर लोग किडनी बेचने के लिए विज्ञापन दे रहे हैं. बता दें कि ईरान में किडनी बेचना कानूनी तौर पर वैध है.
आबादी की बात करें तो ईरान की आबादी 87.6 करोड़ और इजरायल की आबादी सिर्फ 9.04 करोड़ हैं, यानी मैनपावर में ईरान इजरायल से कहीं आगे हैं. सैन्य ताकत पर गौर करें तो ईरान के एक्टिव मिलिट्री पर्सन की संख्या ईरान आगे हैं.
डिफेंस बजट पर ईरान 9.95 अरब डॉलर खर्च करता है तो इजरायल का डिफेंस बजट 24.4 अरब डॉलर का है. डिफेंस मामले में इजरायल का खर्च ज्यादा है. अगर विदेशी मुद्रा भंडार देखें तो इसमें इजरायल ईरान से बहुत आगे हैं. ईरान का विदेशी मुद्रा भंडार 127.15 अरब डॉलर है तो वहीं इजरायल का विदेशी मुद्रा भंडार 212.93 बिलियन डॉलर है.
कर्ज के मामले में भी इजरायल बहुत आगे हैं. ईरान ने 8 अरब डॉलर का कर्ज में डूबा है तो इजरायल पर 135 अरब डॉलर का भारी भरकम कर्ज है. अगर हवाई ताकत की बात करें तो ईरान के पास कुल 551 एयरक्राफ्ट हैं तो वहीं इजरायल के पास 612 एयरक्राफ्ट हैं.
ऑयल प्रोडक्शन की बात करें तो ईरान 158 अरब बैरल तेल का रिजर्व भंडार हैं. ईरान ओपेक का तीसरा सबसे बड़ा ऑयल प्रोड्यूसर है. वहीं इजरायल थोड़ी मात्रा में कच्चे तेल का उत्पादन करता है. उसे अपनी जरूरतों के लिए भी आयात पर निर्भर रहना पड़ता है.