PM Kisan: पीएम क‍िसान की 12वीं क‍िस्‍त से पहले क‍िसानों के ल‍िए खुशखबरी, इस बैंक ने क‍िया खुलासा
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PM Kisan: पीएम क‍िसान की 12वीं क‍िस्‍त से पहले क‍िसानों के ल‍िए खुशखबरी, इस बैंक ने क‍िया खुलासा

PM Kisan Latest Update: देशभर के करोड़ों क‍िसान पीएम क‍िसान सम्‍मान न‍िध‍ि की 12वीं क‍िस्‍त आने का इंतजार कर रहे हैं. दूसरी तरफ एसबीआई की एक र‍िसर्च र‍िपोर्ट में क‍िसानों के ल‍िए एक और खुशखबरी आई है.

PM Kisan: पीएम क‍िसान की 12वीं क‍िस्‍त से पहले क‍िसानों के ल‍िए खुशखबरी, इस बैंक ने क‍िया खुलासा

PM Kisan: क‍िसानों की आमदनी बढ़ाने के ल‍िए सरकार की तरफ से कई योजनाएं शुरू की गई हैं. इसमें सबसे अहम योजना पीएम क‍िसान सम्‍मान न‍िध‍ि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana) है. एसबीआई (SBI) की एक शोध र‍िपोर्ट से पता चला है क‍ि किसानों की आमदनी फाइनेंश‍ियल ईयर 2017-18 के स्तर से फाइनेंश‍ियल ईयर 2021-22 में औसतन 1.3 से 1.7 गुना बढ़ी है, जबकि अनाज का निर्यात इस दौरान बढ़कर 50 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया.

नकदी फसलों में लगे किसानों की आय में अधिक वृद्धि
एसबीआई (SBI) की र‍िसर्च रिपोर्ट से म‍िली जानकारी के अनुसार राज्यों में कुछ फसलों के लिए किसानों की आय (जैसे महाराष्ट्र में सोयाबीन और कर्नाटक में कपास) वित्त वर्ष 2017-18 के स्तर से वित्त वर्ष 2021-22 में दोगुनी से अधिक हो गई, जबकि अन्य सभी मामलों में यह 1.3-1.7 गुना की सीमा में बढ़ी. एसबीआई के मुख्य अर्थशास्त्री सौम्य कांति घोष ने एक रिपोर्ट में कहा कि गैर-नकदी फसल उगाने वाले किसानों की तुलना में नकदी फसलों में लगे किसानों की आय में अधिक वृद्धि हुई.

प्राकृतिक रबर की कीमतों में भारी गिरावट
रिपोर्ट में कहा गया कि इससे सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में कृषि की हिस्सेदारी 14.2 प्रतिशत से बढ़कर 18.8 प्रतिशत हो गई है. यह वृद्धि महामारी की घातक दूसरी लहर के कारण अर्थव्यवस्था में औद्योगिक और सेवाओं के योगदान के सिकुड़ने के कारण भी थी. लेकिन काली मिर्च, इलायची, लौंग और दालचीनी जैसे मसालों के साथ-साथ प्राकृतिक रबर की कीमतों में भारी गिरावट आई है.

महाराष्ट्र, राजस्थान, एमपी, यूपी, कर्नाटक और गुजरात जैसे प्रमुख कृषि राज्यों पर आधारित रिपोर्ट में कहा गया है कि संबद्ध / गैर-कृषि आय में अधिकांश राज्यों में 1.4 से 1.8 गुना की र‍िकॉर्ड वृद्धि हुई है. रिपोर्ट में सरकार से हर साल कम से कम 10 लाख किसानों को लक्षित करके आजीविका क्रेडिट कार्ड और पांच लाख करोड़ रुपये के कृषि ऋण प्रोत्साहन के लिए एक सर्वव्यापी क्रेडिट गारंटी फंड शुरू करने का भी आग्रह किया गया है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2021-22 में कृषि निर्यात 50 अरब डॉलर से अधिक हो गया. एमएसपी में 2014 के बाद से 1.5 से 2.3 गुना की वृद्धि हुई है, जो किसानों के लिए बेहतर मूल्य सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.

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