Adani- Hindenburg: 'जो भी वो कहें, उसको बहुत सावधानी से लें', अडानी-हिंडनबर्ग को लेकर इस कारोबारी ने कह दी बड़ी बात
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Adani- Hindenburg: 'जो भी वो कहें, उसको बहुत सावधानी से लें', अडानी-हिंडनबर्ग को लेकर इस कारोबारी ने कह दी बड़ी बात

Gautam Adani Networth: हिंडनबर्ग ने पिछले हफ्ते एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि भारतीय अरबपति कारोबारी गौतम अडानी ने 'कॉरपोरेट इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला' किया है. उसने अडानी ग्रुप पर स्टॉक मैनिपुलेशन, अकाउंटिंग फ्रॉड समेत अन्य चीजों का आरोप लगाया. इस रिपोर्ट की वजह से मार्केट में हाहाकार मच गया. 

Adani- Hindenburg: 'जो भी वो कहें, उसको बहुत सावधानी से लें', अडानी-हिंडनबर्ग को लेकर इस कारोबारी ने कह दी बड़ी बात

Nikhil Kamath on Hindenburg Report: जेरोधा के को-फाउंडर निखिल कामत ने हिंडनबर्ग रिसर्च पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि जो भी यह संस्था कहती है, उसको बेहद सावधानी से लेना चाहिए क्योंकि ये लोग पक्षपाती हैं. एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा, 'हिंडनबर्ग लोगों को बेहतर जानकारी देने के लिए दिल की भलाई के लिए ऐसा नहीं कर रहा है, बल्कि इसलिए कर रहा है क्योंकि स्टॉक पर उसकी शॉर्ट पोजिशन है.' उन्होंने कहा, जो भी हिंडनबर्ग ने कहा, वह उसे थोड़ा सावधानी से लेंगे क्योंकि वे पक्षपाती होने के लिए बाध्य हैं.

शॉर्ट सेलिंग तब होती है, जब इन्वेस्टर सिक्योरिटी खरीदता है और ओपन मार्केट में बेच देता है. बाद में इसे कम पैसों में वापस खरीदने की योजना बनाता है. शॉर्ट सेलर सिक्योरिटी प्राइज पर दांव लगाते हैं और उससे फायदा हासिल करते हैं. 

हिंडनबर्ग ने पिछले हफ्ते एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि भारतीय अरबपति कारोबारी गौतम अडानी ने 'कॉरपोरेट इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला' किया है. उसने अडानी ग्रुप पर स्टॉक मैनिपुलेशन, अकाउंटिंग फ्रॉड समेत अन्य चीजों का आरोप लगाया. इस रिपोर्ट की वजह से मार्केट में हाहाकार मच गया. 

बजट के दिन अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर 34.72 प्रतिशत गिरकर 1,942 रुपये के एक दिन के निचले स्तर पर आ गए. स्टॉक अपने 52-हफ्ते के हाई 4,189.55 रुपये से 49 प्रतिशत से ज्यादा नीचे है. कामत ने यह भी कहा कि वास्तव में क्या हुआ था, इसको समझने के लिए अडानी की हर कंपनी के विस्तृत ब्योरे में जाना होगा. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि दोषी साबित होने तक निर्दोष की सदियों पुरानी कहावत अभी भी सच है.

उद्योगपति गौतम अडानी ने समूह की कंपनियों के शेयरों में जारी गिरावट के बीच गुरुवार को पहली बार चुप्पी तोड़ी थी. उन्होंने कहा था कि बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण उनके समूह की प्रमुख कंपनी के एफपीओ को फुल सब्सक्रिप्शन मिलने के बाद भी उसे वापस लेने का फैसला किया गया.

अडानी ने वीडियो संदेश में इन्वेस्टर्स से कहा, 'अडानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ को फुल सब्सक्रिप्शन मिलने के बाद उसे वापस लेने के फैसले से कई लोगों को हैरानी हुई होगी. लेकिन बुधवार को बाजार में आए उतार-चढ़ाव को देखते हुए निदेशक मंडल का मानना है कि एफपीओ को जारी रखना नैतिक रूप से सही नहीं होगा.' कंपनी ने निवेशकों का पैसा वापस करने का निर्णय किया है.

पिछले महीने कुल 20,000 करोड़ रुपये मूल्य का एफपीओ लाने की घोषणा की गई थी. उस वक्त पेशकश मूल्य शेयर के बाजार मूल्य से अच्छा-खासा नीचे था. लेकिन अमेरिका की शोध कंपनी की रिपोर्ट के बाद समूह की सभी 10 कंपनियों के शेयरों में बिकवाली शुरू हो गई और समूह को अबतक कुल मिलाकर 108 अरब डॉलर का नुकसान हो चुका है.

पिछले कुछ दिनों की घटनाओं का नतीजा यह हुआ है कि कभी एशिया के सबसे अमीर शख्स अडानी अरबपतियों की रैंकिंग में फिसल गए हैं. फोर्ब्स की रियल टाइम अरबपतियों की सूची के अनुसार, अडानी अब दुनिया में 16वें सबसे अमीर शख्स हैं, जिनकी कुल संपत्ति 74.7 बिलियन डॉलर है. वह पिछले हफ्ते लिस्ट में तीसरे नंबर पर थे.

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