Dattopant Thengadi: कौन थे दत्तोपंत ठेंगड़ी? जिनके नाम पर इस यूनिवर्सिटी में बनेगी पीठ और होगी रिसर्च
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Dattopant Thengadi: कौन थे दत्तोपंत ठेंगड़ी? जिनके नाम पर इस यूनिवर्सिटी में बनेगी पीठ और होगी रिसर्च

Guru Jambheshwar University: ठेंगड़ी के नाम पर एक रिसर्च फंड बनाया जाएगा और उनके जीवन से संबंधित संपूर्ण साहित्य विश्वविद्यालय में उपलब्ध कराया जाएगा.

Dattopant Thengadi: कौन थे दत्तोपंत ठेंगड़ी? जिनके नाम पर इस यूनिवर्सिटी में बनेगी पीठ और होगी रिसर्च

Dattopant Thengadi scholarship fund: हरियाणा के हिसार में गुरु जम्भेश्वर साइंस एंड टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी के इकोनोमिक्स विभाग में आरएसएस के दिवंगत नेता एवं विद्वान दत्तोपंत ठेंगड़ी के नाम पर एक पीठ स्थापित की जाएगी. अधिकारियों ने यह जानकारी दी है. गुरु जम्भेश्वर साइंस एंड टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर नरसी राम बिश्नोई ने एक बयान में कहा कि इसका उद्देश्य ठेंगड़ी के जीवन, कार्य और शिक्षाओं पर रिसर्च करके नई जेनरेशन को उनके बारे में जागरूक करना है, जो एक 'महान विचारक' थे. 

उन्होंने कहा कि पीठ की स्थापना से अर्थशास्त्र के क्षेत्र में रिसर्च करने वाले स्कॉलर्स को रिसर्च की एक नई दिशा भी मिलेगी. उन्होंने कहा कि ठेंगड़ी के नाम पर एक रिसर्च फंड बनाया जाएगा और उनके जीवन से संबंधित संपूर्ण साहित्य विश्वविद्यालय में उपलब्ध कराया जाएगा. ठेंगड़ी का जन्म 10 नवंबर 1920 को महाराष्ट्र के अरवी में हुआ था. वह 1942 में प्रचारक के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में शामिल हुए और केरल तथा बाद में बंगाल में काम किया. 14 अक्टूबर 2004 को उनका निधन हो गया.

दत्तोपंत के पिताजी बापूराव दाजीबा ठेंगड़ी, एक पॉपुलर अधिवक्ता थे और माताजी, जानकी देवी, गंभीर आध्यात्मिक अभिरूची से सम्पन्न, साक्षात करूणामूर्ति, और भगवान दतात्रेय की परम भक्त थी. परिवार में एक छोटे भाई नारायण ठेंगड़ी और एक छोटी बहन श्रीमती अनुसूया थीं.

दत्तोपंत ठेंगड़ी अपने बचपन से ही, संघ शाखा में जाते थे. हालांकि वह अनियमित स्वयंसेवक थे, फिर भी नागपुर आने के बाद अपने सहपाठी और मुख्य शिक्षक मोरोपंत पिंगले के सानिध्य में, दत्तोपंत ने, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संघ शिक्षा वर्गों का तीन साल का शिक्षण क्रम पूरा किया. 1936 से नागपुर में पढ़ाई करने और मोरोपंत से मित्रता के कारण दत्तोपंत को डॉक्टर हेडगेवार को प्रत्यक्ष देखने, सुनने का कई बार सौभाग्य मिला. 

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