महाकवि भारती की ऐसे मनाई जयंती, स्कूल में स्टूडेंट्स ने किया भारतीय भाषाओं को प्रमोट
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महाकवि भारती की ऐसे मनाई जयंती, स्कूल में स्टूडेंट्स ने किया भारतीय भाषाओं को प्रमोट

C  Subramaniam Birthday: भारती को आधुनिक तमिल साहित्य के अग्रदूतों में से एक माना जाता है. उन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से ब्रिटिश हुकूमत को हर कदम पर चेताया था.

महाकवि भारती की ऐसे मनाई जयंती, स्कूल में स्टूडेंट्स ने किया भारतीय भाषाओं को प्रमोट

C.  Subramaniam: महाकवि चिन्नास्वामी सुब्रमण्यम भारती की आज जयंती है. सी. सुब्रमण्यन का जन्म 11 दिसंबर 1882 को हुआ था. वह एक एक तमिल लेखक, कवि, पत्रकार, भारतीय स्वतंत्रता कार्यकर्ता , समाज सुधारक और बहुभाषाविद् थे. कविता में उन्हें 'भारती' की उपाधि से सम्मानित किया गया था. 1882 में तिरुनेलवेली जिले (वर्तमान थूथुकुडी ) के एट्टायपुरम में जन्मे भारती की प्रारंभिक शिक्षा तिरुनेलवेली और वाराणसी में हुई. उन्होंने द हिंदू , बाला भारत, विजया, चक्रवर्ती, स्वदेशमित्रन और भारत सहित कई समाचार पत्रों में एक पत्रकार के रूप में काम किया.

भारती को आधुनिक तमिल साहित्य के अग्रदूतों में से एक माना जाता है. 1908 में, ब्रिटिश भारत सरकार द्वारा भारती के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था , जिसके परिणामस्वरूप उन्हें पांडिचेरी चले जाना पड़ा, जहां वे 1918 तक रहे. उनकी पसंदीदा भाषा तमिल थी. उनकी जयंती पर अलग अलग जगहों पर प्रोग्राम हुए. इसके उपलक्ष्य दिल्ली के राजकीय सर्वोदय कन्या विद्यालय न्यू अशोक नगर स्कूल में भारतीय भाषा महोत्सव मनाया गया, जो पहले से ही चले आ रहे एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम का भव्य समापन था. 

इस भव्य समापन का सुंदर नजारा स्कूल के एंट्री गेट से ही नजर आया. स्कूल के एंट्री गेट पर एक बड़ा सा बोर्ड लगाया गया था, जिसपर स्कूल में आने वाले लोगों ने अपने साइन किए थे, इस बोर्ड का टाइटल दिया गया था- 'मेरे हस्ताक्षर, मेरी मातृभाषा में...' इस पर सभी ने साइन किए.

महाकवि सुब्रमण्यम भारती की एक तमिल कविता का हिंदी अनुवाद कर नौवीं कक्षा की एक छात्रा ने बहुत ही सुंदर तरीके से पेश किया. इस कविता के हिंदी बोल थे- 'आओ नाचें और पल्लु गाएं...' वहीं, दो छात्राओं ने बंगाली भाषा में अपनी सुरीली आवाज में एक लोकगीत पेश किया. वहीं, स्कूल की रंगत देखकर इसके पीछे स्कूल की टीचर्स की मेहनत भी साफ झलक रही थी. 

भारतीय भाषा उत्सव 2 नवंबर, 2023 से चला आ रहा था. यह महोत्सव आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत मनाया जा रहा था. जिसके तहत स्कूलों में कई तरह की एक्टिविटीज हुईं. इन एक्टिविटीज में स्कूल के बच्चों ने हिस्सा लिया गया. इसके पीछे का उद्देश्य यह था कि स्कूल से ही स्टूडेंट्स को एक भारत श्रेष्ठ भारत के प्रति जागरूक किया जाए. स्कूल की प्रिंसिपल नीतू नर्गस का कहना है कि, "कोस कोस पर बदले पानी, चार कोस पर वाणी' यह भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संबंध में सच है...हमारे स्टूडेंट्स को भारत की अलग अलग भाषाओं के बारे में जानने के लिए तैयार करने के लिए भारत सरकार द्वारा एक महान पहल..राजकीय सर्वोदय कन्या विद्यालय न्यू अशोक नगर के स्टूडेंट्स ने हमारे स्कूल में आयोजित अलग अलग एक्टिविजीज में हिस्सा लिया.

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