हरियाणा चुनाव: ताजा हुई 'आया राम गया राम' की याद, सुबह कांग्रेस- शाम को BJP में 'घरवापसी'; कौन हैं चाय पीकर लौटे रमित खट्टर?
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हरियाणा चुनाव: ताजा हुई 'आया राम गया राम' की याद, सुबह कांग्रेस- शाम को BJP में 'घरवापसी'; कौन हैं चाय पीकर लौटे रमित खट्टर?

Haryana Assembly Elections 2024: मनोहर लाल खट्टर के भतीजे रमित खट्टर ने इस सियासी मामले में आगे कुछ कहने से मना कर दिया, लेकिन रोहतक में भाजपा उम्मीदवार मनीष ग्रोवर के साथ खड़े होकर कांग्रेस पर निशाने जरूर साधे. वहीं, मनीष ग्रोवर ने कहा कि कांग्रेस की पटका राजनीति एक बार फिर एक्सपोज हुई है. 

हरियाणा चुनाव: ताजा हुई 'आया राम गया राम' की याद, सुबह कांग्रेस- शाम को BJP में 'घरवापसी'; कौन हैं चाय पीकर लौटे रमित खट्टर?

Who is Ramit Khattar: हरियाणा विधानसभा चुनाव प्रचार अभियान के दौरान एक बार फिर प्रसिद्ध राजनीतिक वाकए 'आया राम गया राम' की याद ताजा हो गई. चुनाव के दौर में नेताओं के पार्टी बदलने की रवायत कोई नई बात नहीं, लेकिन सुबह कांग्रेस में शामिल होने और शाम में फिर भाजपा में 'घरवापसी' करने की नई मिसाल सामने आई है. इस यू-टर्न से सुर्खियों में आए रमित खट्टर ने पूरे घटनाक्रम पर कहा कि चाय पीने गया था.

रमित की सफाई- कांग्रेस विधायक से मिलने और चाय पीने गए थे 

केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के भाई के जगदीश के बेटे रमित खट्टर ने गुरुवार सुबह कांग्रेस का दामन थामा, फिर शाम होते-होते भाजपा में वापस आ गए. सुबह कांग्रेस ज्वाइन करने की बात से शाम को साफ मुकर गए. पॉलिटिकल यू-टर्न के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने सफाई दी. उन्होंने कहा कि वह तो विधायक भारत भूषण बत्रा से मिलने गए थे. वहां चाय के बाद लोगों मे कांग्रेस का पटका पहनाया और फोटो खींच ली.

राजनीतिक यू-टर्न पर आगे कुछ भी बोलने से रमित का इनकार

मनोहर लाल खट्टर के भतीजे रमित खट्टर ने इस मामले में आगे कुछ भी कहने से मना कर दिया, लेकिन शाम को रोहतक में भाजपा उम्मीदवार मनीष ग्रोवर के साथ खड़े होकर कांग्रेस पर निशाने जरूर साधे. ग्रोवर ने कहा कि इस बारे में ज्यादा सवाल-जवाब नहीं करना चाहिए. रमित हमारे परिवार के सदस्य और बेटे हैं. वह संगठन से जुड़े हुए कार्यकर्ता हैं और हमेशा हमारे साथ खड़े रहे हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की पटका राजनीति एक बार फिर एक्सपोज हुई है. 

हरियाणा यूथ कांग्रेस ने एक्स पर शेयर कीं रमित खट्टर की तस्वीरें

इससे पहले हरियाणा यूथ कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें भी शेयर की. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एक्स पर तस्वीरों के साथ लिखा, 'मनोहर लाल खट्टर के भतीजे रमित खट्टर ने आज कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की. कांग्रेस पार्टी ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया.' इसे भाजपा के दिग्गज नेता, पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के घर में सियासी सेंध लगने और भाजपा को झटके की तरह प्रचारित किया जाने लगा. हालांकि, शाम होते-होते पूरा मामला बदल गया.

महज कुछ घंटे के 'कांग्रेसी' रमित खट्टर की राजनीतिक घरवापसी

महज कुछ घंटे के 'कांग्रेसी' रमित खट्टर की राजनीतिक घरवापसी के बाद देर शाम मनीष ग्रोवर ने फेसबुक पर उनका वीडियो शेयर करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने लिखा, 'पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल जी के भतीजे रमित खट्टर ने कांग्रेस ज्वाइन करने की खबरों को पूरी तरह निराधार बताया है. उन्होंने कहा कि वह भाजपा के सिपाही हैं और भाजपा उनकी नस-नस में है. वह रोहतक से भाजपा प्रत्याशी मनीष कुमार ग्रोवर जी के लिए दिन रात प्रचार कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर जो भी खबरें चल रही है, वह पूरी तरह निराधार हैं. उनमें कोई सच्चाई नहीं है.'

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2020 में मारपीट के मामले से चर्चा में आए थे कारोबारी रमित खट्टर

पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के भाई जगदीश के बेटे रमित खट्टर निजी कारोबार करते हैं. आमतौर पर राजनीति से दूर रहने वाले रमित खट्टर 2020 में एक डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर की पिटाई के मामले में सुर्खियों में आए थे. इस मामले में दर्ज एफआईआर में घटनास्थल पर उनकी मौजूदगी के बाबत उनसे पूछताछ भी हुई थी. हालांकि, शिकायत करने वाले वन अधिकारी ने भी कहा था कि रमित ने कभी अपना खट्टर परिवार वाला परिचय नहीं बताया था. 

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क्या है हरियाणा का मशहूर 'आया राम गया राम' का राजनीतिक किस्सा

हरियाणा के पलवल जिले के हसनपुर विधानसभा क्षेत्र से साल 1967 में विधायक चुने गए गया लाल ने एक ही दिन में तीन बार पार्टी बदली थी. पहले उन्होंने कांग्रेस का हाथ छोड़कर जनता पार्टी का दामन थाम लिया था. फिर थोड़ी देर में कांग्रेस में लौट आ गए. करीब 9 घंटे बाद उनका हृदय परिवर्तन हुआ और एक बार फिर जनता पार्टी में चले गए. इसके बाद फिर से कांग्रेस में वापसी कर ली. तब उनको लेकर चंडीगढ़ पहुंचे कांग्रेस के तत्कालीन नेता राव बीरेंद्र सिंह ने प्रेस कांफ्रेस में कहा था, 'गया राम अब आया राम हैं.' इसके बाद भारतीय राजनीति में 'आया राम गया राम' एक लोकप्रिय और दिलचस्प जुमला बन गया है.

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