INDIA Alliance UP: लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और सपा के बीच दूरी साफ दिखाई दे रही है. सवाल पूछे जा रहे हैं कि अखिलेश यादव भारत जोड़ो न्याय यात्रा में क्यों शामिल नहीं हो रहे हैं. आइए इसका जवाब जानते हैं.
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Akhilesh Yadav Bharat Jodo Nyay Yatra: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) से पहले इंडिया गठबंधन (INDIA Alliance) के लिए एक और बुरी खबर आई है. ऐसा इसलिए क्योंकि सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा (Bharat Jodo Nyay Yatra) में जाने से इनकार कर दिया है. हालांकि, पहले अखिलेश यादव को लेकर खबरें आ रही थीं कि वो न्याय यात्रा में शामिल होंगे. लेकिन, अब उन्होंने मना कर दिया है. अब सवाल है कि अखिलेश यादव की हां और ना के क्या मायने हैं? क्या यूपी में इंडिया गठबंधन खटाई में पड़ गया है? क्या कांग्रेस और सपा में सीट शेयरिंग पर बात नहीं बन पा रही है? क्या कांग्रेस और सपा का गठबंधन लोकसभा चुनाव से पहले बिखर जाएगा? आइए भारत जोड़ो न्याय यात्रा में अखिलेश यादव के नहीं जाने के मायने समझ लेते हैं.
न्याय यात्रा से अखिलेश का किनारा क्यों?
सूत्रों के मुताबिक, खबर आई है कि अमेठी में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में अखिलेश यादव नहीं जाएंगे. राहुल गांधी की यात्रा से अखिलेश का किनारा इंडिया गठबंधन की परेशानी बढ़ाने वाला है. इसके अलावा, भारत जोड़ो यात्रा में सपा के कार्यकर्ताओं को शामिल नहीं होने के निर्देश हैं. अमेठी के सपा जिलाध्यक्ष ने खुद अखिलेश यादव के भारत जोड़ो यात्रा में शामिल नहीं होने की पुष्टि की है.
क्यों नाराज हो गए अखिलेश यादव?
लोकसभा चुनाव से पहले जब इंडिया गठबंधन को मजबूती चाहिए थी. गठबंधन के दलों को एकता दिखानी थी, तब उसमें कभी हां, कभी ना और यूटर्न वाली पॉलिटिक्स चल रही है. अखिलेश यादव ने न्याय यात्रा में जाने वाले थे. लेकिन ऐन वक्त पर उन्होंने मना कर दिया और राहुल की यात्रा में जाने से परहेज किया. सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश यादव की नाराजगी के पीछे इंडिया गठबंधन में अब तक नहीं हो पाया सीटों का बंटवारा है.
न्याय यात्रा में शामिल होने के लिए सपा की शर्त?
इस बीच, सपा ने साफ कर दिया है कि वह राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में क्यों नहीं जाएगी. सूत्रों के मुताबिक, सपा ने कहा है कि जब सीटों का बंटवारा हो जाएगा तब सपा, कांग्रेस की न्याय यात्रा में शामिल हो जाएगी. हालांकि, सीटों के बंटवारे पर फंसा पेंच कब सुलझेगा, इसका जवाब न तो कांग्रेस दे रही और ना ही सपा.
सीट बंटवारे पर क्यों फंसा पेंच?
अब जान लेते हैं कि कांग्रेस और सपा के बीच सीटों को लेकर पेंच कहां फंसा हुआ है. दरअसल, अखिलेश यादव ने कांग्रेस को यूपी में 11 सीटें देने का ऐलान किया था. लेकिन कांग्रेस इस पर नहीं मानी थी. इसके बाद आरएलडी ने इंडिया गठंबधन छोड़ दिया. सपा, आरएलडी को 7 सीटें देने वाली थी. फिर मौके की नजाकत को देखते हुए कांग्रेस ने सपा से 20 सीटें देने की मांग रख दी. कांग्रेस की लिस्ट में कई वो सीटें भी शामिल हैं, जिनपर सपा अपने उम्मीदवार घोषित कर चुकी है.