Top Ki Flop: हैप्पी एंड पसंद नहीं आया दर्शकों को, इंडिया में फिल्म हुई फ्लॉप लेकिन विदेश में चली
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Top Ki Flop: हैप्पी एंड पसंद नहीं आया दर्शकों को, इंडिया में फिल्म हुई फ्लॉप लेकिन विदेश में चली

Anil Kapoor Film: हिंदी में कई ऐसी फिल्में भी बनीं जिन्होंने समाज की परंपराओं को चुनौती दी. कुछ नया कहा. लेकिन जरूरी नहीं कि वे फिल्में दर्शकों को पसंद आई. अक्सर प्रेम त्रिकोण बनाने वाले यश चोपड़ा की लम्हे परंपराओं को चुनौती देने वाली रोमांटिक कहानी थी, मगर दर्शकों ने इसे बॉक्स ऑफिस पर खारिज कर दिया.

 

Top Ki Flop: हैप्पी एंड पसंद नहीं आया दर्शकों को, इंडिया में फिल्म हुई फ्लॉप लेकिन विदेश में चली

Romantic Films: यश चोपड़ा ने अपने फिल्मी करियर में बहुत कम फिल्मे ऐसी दी होंगी जो फ्लॉप होंगी. लम्हें उन्ही में से एक है. 1991 में रिलीज इस फिल्म को बनाने का सपना यश चोपड़ा तबसे देख रहे थे जब उन्होंने सिलसिला (1981) बनाई थी. वह रेखा और अमिताभ बच्चन की जोड़ी को एक बार फिर से इस फिल्म में भुनाना चाहते थे. लेकिन सिलिसिला के फ्लॉप होने और अमिताभ बच्चन से रिश्ते खराब होने के बाद उन्होंने यह आइडिया ड्राप कर दिया. इस फिल्म को बनाने का आइडिया उनकी पत्नी पामेला चोपड़ा का था. जिन्होंने डैडी लॉन्ग लेग्ज नॉवेल पढ़ने के बाद यश चोपड़ा को इस नॉवेल से प्रेरित फिल्म बनाने की सलाह दी थी. यश चोपड़ा और पामेला चोपड़ा को यकीन था कि फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित होगी लेकिन बॉक्स ऑफिस पर फिल्म फ्लॉप रही. नतीजा यह हुआ कि यश चोपड़ा माइनर डिप्रेशन में चले गए थे.

दर्शकों को बची नहीं बात
फिल्म की रिलीज से पहले फिल्म मेकर्स को ही नहीं बल्कि दर्शकों को भी इस फिल्म का इंतजार था. अनिल कपूर, श्रीदेवी, अनुपम खेर और वहीदा रहमान जैसे कई दिग्गज कलाकार इस फिल्म में नजर आने वाले थे. ऊपर से यह फिल्म यश चोपड़ा जैसे बड़े फिल्म मेकर की थी. ऐसे में दर्शकों को फिल्म से उम्मीद होना वाजिब था. लेकिन जब दर्शकों ने इस फिल्म को देखा तो उन्हें निराशा ही हाथ लगी. फिल्म में जो दिखाया गया वह भारतीय संस्कृति तथा मूल्यों के विरुद्ध था. भारतीय दर्शक के लिए उसे पचा पाना मुश्किल हो गया. फिल्म में श्रीदेवी का डबल रोल था. उन्होंने मां तथा बेटी का किरदार निभाया था.

फादर फिगर का प्यार
फिल्म वीरेन (अनिल कपूर) नाम के ऐसे राजकुमार की कहानी थी जो पल्लवी (श्रीदेवी) को दिल दे बैठता है और उससे शादी करना चाहता है. लेकिन पल्लवी सिद्धार्थ नाम के किसी और लड़के को प्यार करती है. पल्लवी और सिद्धार्थ की शादी हो जाती है और दोनों की एक कार एक्सीडेंट में मौत हो जाती है. पल्लवी की छोटी सी बेटी के पालन-पोषण की जिम्मेदारी वीरेन ले लेता है लेकिन पल्लवी की बेटी पूजा (श्रीदेवी) बड़ी होकर वीरेन से ही प्यार करने लगती है. वीरेन इतनी छोटी पूजा के प्यार को एक्सेप्ट नहीं करता है लेकिन बाद में हैप्पी एंडिंग होती है. दर्शकों को कहानी की यही थीम रास नहीं आई थी. एक फादर फिगर कैसे अपनी प्रेमिका की बेटी से प्यार कर सकता है. यह बात लोगों को एथिकली बहुत गलत लगी. हालांकि ओवरसीज दर्शकों ने इसे काफी पसंद किया जिनके लिए इस फिल्म को इंग्लिश में डब करके इंडियन समर नाम से रिलीज किया गया था. विदेशों में यह फिल्म खूब चली, लेकिन भारत में नहीं.

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