75th Infantry Day: आज से 75 साल पहले, 27 अक्टूबर को ही आजाद हिंदुस्तान में पहली ऐसी फौजी कार्रवाई हुई थी, जिसमें पैदल सेना यानी इन्फेंट्री ने अपना दम दिखाया था और देश की हिफाजत में सबसे अहम भूमिका निभाई थी.
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Infantary Day 2022: आज यानी 27 अक्टूबर का दिन भारतीय सेना के लिए बेहद खास है. पूरा देश आज के दिन को इन्फेंट्री डे (Infantry Day) के रूप में मनाता है. इस दिन हम अपने शहीद फौजियों की बहादुरी के किस्सों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं. दरअसल, 27 अक्टूबर के दिन इन्फेंट्री डे सेलिब्रेट करने की सबसे खास वजह यह है कि सन 1947 में आज ही के दिन भारतीय सेना के जवानों ने हिंदुस्तान का सिरमौर कहे जाने वाले कश्मीर का एक बड़ा हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे में जाने से बचाया था.
आजाद हिंदुस्तान में हुई थी पहली फौजी कार्रवाई
आपको बता दें की भले ही जश्न हर साल मनाया जाता है, लेकिन यह साल इन्फेंट्री डे के लिहाज़ से बेहद खास है. क्योंकि 75 साल पहले, 27 अक्टूबर को ही आजाद हिंदुस्तान में पहली ऐसी फौजी कार्रवाई हुई थी, जिसमें पैदल सेना यानी इन्फेंट्री ने अपना दम दिखाया था और देश की हिफाजत में सबसे अहम भूमिका निभाई थी. बता दें कि देश की सरहदों की सुरक्षा से लेकर अलग-अलग मोर्चों पर सेना की इस डिविजन ने गजब की काबिले तारीफ ताकत की मिसाल पेश करते हुए दुश्मनों को मुंह तोड़ जवाब दिया था.
पाकिस्तान के हाथों से छीना कश्मीर
दरअसल, आजादी के बाद पाकिस्तान ने कश्मीर पर कब्जा जमाने का मंसूबा बनाया था. इसलिए 22 अक्टूबर 1947 को पाकिस्तान ने 5 हजार कबायलियों को कश्मीर में घुसपैठ करके कब्जा करने के लिए भेजा था. तब कश्मीर के उस वक्त के राजा महाराजा हरि सिंह ने भारत सरकार से मदद मांगी. हालांकि, मदद के बदले महाराजा हरि सिंह ने भारत में मर्जर के समझौते पर दस्तखत किए थे. जिसके बाद भारतीय सेना की सिख रेजिमेंट की पहली बटालियन से एक पैदल सेना का दस्ता प्लेन से श्रीनगर भेजा गया था. 27 अक्टूबर 1947 तक भारतीय फौज ने अपने बाहुबल की बदौलत कश्मीर को कबायलियों के चंगुल से आजाद करा लिया और इसी दौरान अपनी बहादुरी की मिसाल पेश करने वाले जवानों को हर साल इस दिन याद कर उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है.