Chinese Cyber Attack On Five Eyes: Five Eyes ग्रुप के तीन सदस्य देशों- अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और न्यूजीलैंड ने कहा है कि चीनी सरकार के इशारे पर हैकर्स ने उनपर साइबर हमले किए.
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Chinese Hackers Cyber Attack: चीन के साइबर हमलों से अमेरिका, ब्रिटेन और न्यूजीलैंड जैसे पश्चिमी देश परेशान हो उठे हैं. अमेरिका और ब्रिटेन ने तो कुछ चीनी व्यक्तियों और समूहों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं. चीनी हैकर्स ने दोनों देशों के कई नेताओं, पत्रकारों और बीजिंग के आलोचकों को निशाना बनाया है. वहीं, न्यूजीलैंड ने मंगलवार को कहा कि 2021 में उसकी संसद पर हुए साइबर हमले में चीनी सरकार का हाथ था. तीनों देशों ने चीन की सरकार पर बड़े पैमाने पर साइबर जासूसी का अभियान चलाने का आरोप लगाया है. ऑस्ट्रेलिया ने भी एक बयान जारी कर कहा कि ऐसा व्यवहार स्वीकार्य नहीं है. उसने कहा कि चीन को फौरन ऐसी गतिविधियां रोकनी चाहिए. 2019 में ऑस्ट्रेलियाई इंटेलिजेंस ने पाया था कि उसकी संसद और तीन बड़े राजनीतिक दलों पर साइबर हमला चीन ने कराया था. ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अमेरिका और ब्रिटेन... चारों Five Eyes ग्रुप के सदस्य हैं.
खुफिया जानकारियां साझा करने के लिए बने इस ग्रुप का पांचवा सदस्य कनाडा है. पिछले साल अक्टूबर में, Five Eyes के सुरक्षा अधिकारियों ने चीनी हैकिंग और जासूसी को लेकर आगाह किया था. चीनी साइबर हमलों की बढ़ती तादाद साफ इशारा है कि बीजिंग ने Five Eyes को अपने टारगेट पर ले रखा है.
हालिया साइबर हमलों के लिए, US और UK ने Advanced Persistent Threat 31 यानी APT31 नाम के हैकिंग ग्रुप की तरफ उंगली उठाई है. 'द गार्जियन' में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिमी खुफिया एक्सपर्ट्स APT का इस्तेमाल विदेशी सरकारों से जुड़े हैकिंग समूहों की पहचान के लिए करते हैं. गूगल से जुड़ी साइबर सिक्योरिटी फर्म Mandiant के मुताबिक, 40 से ज्यादा APT ग्रुप्स हैं. आधे से ज्यादा ऐसे ग्रुप चीन से ऑपरेट होते हैं. APT31 को Zirconium, Violet Typhoon, Judgment Panda और Altaire जैसे नामों से भी जाना जाता है. अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट का कहना है कि APT31 को चीन का रक्षा मंत्रालय वुहान शहर से चलाता है. अमेरिका ने चीनी सरकार के लिए काम करने वाले कुछ हैकर्स की तस्वीरें भी जारी की हैं.
APT31 पर पहले भी हाई-प्रोफाइल साइबर हमले करने का आरोप लगा है. 2020 में Google और Microsoft ने चेतावनी दी थी कि इस ग्रुप ने US राष्ट्रपति जो बाइडेन के लिए काम करने वालों को निशाना बनाया है. UK सरकार के मुताबिक, 2021 में माइक्रोसॉफ्ट एक्सचेंज ईमेल सर्वर हैक के पीछे भी यही ग्रुप था. तब दुनियाभर के हजारों कंप्यूटर्स में हैकर्स ने सेंध लगाई थी.
US के जस्टिस डिपार्टमेंट ने सोमवार को कहा कि चीन का जासूसी अभियान पिछले 14 सालों से चल रहा है. चीनी हैकर्स ने अमेरिका में राजनीतिक विरोधियों, चीन के आलोचकों, सरकारी अधिकारियों, राजनीतिक उम्मीदवार और अमेरिकी कंपनियों को निशाना बनाया. वहीं, UK ने कहा कि चीन ने उसके चुनाव आयोग के पास मौजूद 4 करोड़ वोटर्स के निजी डेटा को एक्सेस किया. हालांकि, इसका UK की चुनावी प्रक्रिया पर असर नहीं पड़ा. दूसरे कैंपेन में, चीनी हैकर्स ने ब्रिटिश सांसदों को निशाने पर लिया. जो सांसद हैकर्स के रडार पर थे, वे चीन की खुलकर खिलाफत करते हैं.
We've taken action on China pic.twitter.com/jYtux0YFT8
— David Cameron (@David_Cameron) March 25, 2024
किस तरह अंजाम दिए गए साइबर हमले?
अमेरिका और ब्रिटेन के मुताबिक, APT31 ने फिशिंग का इस्तेमाल किया. फिशिंग वह तरीका है जिसमें टारगेट को ऐसे लिंक भेजे जाते हैं जिन्हें वह भरोसेमंद समझ कर क्लिक कर देता है. फिर उनकी निजी जानकारियां चुरा ली जाती हैं. अमेरिका की डिप्टी अटॉर्नी जनरल लिसा मोनाको ने कहा कि 10,000 से ज्यादा ईमेल भेजे गए.
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न्यूजीलैंड ने साइबर हमलों पर क्या कहा?
मंगलवार को, न्यूजीलैंड के विदेश मंत्री विंस्टन पीटर्स ने चीनी हैकर्स के दूसरे ग्रुप APT40 का नाम लिया. NZ के मुताबिक, उसके संसदीय नेटवर्क से जुड़े कप्यूटर्स को इस ग्रुप ने निशाना बनाया. Mandiant के हिसाब से, APT 40 चीन का साइबर जासूसी ग्रुप है जो उन देशों को टारगेट करता है जो बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के लिए अहम हैं.
New Zealand joins US and UK in accusing China of cyber attacks@esha_hanspal brings you this report
Watch more: https://t.co/dm7SyC01cG pic.twitter.com/8lQI6wkPTu
— WION (@WIONews) March 26, 2024
क्या कदम उठाए गए? बीजिंग ने दी कैसी प्रतिक्रिया
अमेरिका और ब्रिटेन, दोनों ने वुहान की कंपनी Wuhan Xiaoruizhi Science and Technology Co. पर प्रतिबंध लगाए हैं. अमेरिका का कहना है कि यह कंपनी एक फ्रंट थी और हैकर्स ठेकेदारों की तरह काम करते थे. इसके अलावा दो व्यक्तियों को भी प्रतिबंधित किया गया है.
The US has been propelling Five Eyes countries to propagate disinformation about “Chinese hackers” and “Chinese cyberattacks” and even launched unilateral sanctions against China. We firmly oppose this and will do what is necessary to defend our lawful rights and interests. pic.twitter.com/feRHhpHiRn
— Spokesperson发言人办公室 (@MFA_China) March 26, 2024
चीन के विदेश मंत्रालय से जुड़े एक अधिकारी ने इन आरोपों को 'गलत सूचना' करार दिया है. अमेरिका में चीनी दूतावास ने बयान जारी कर कहा कि US 'अनुचित निष्कर्ष पर पहुंच गया है और निराधार आरोप लगाए हैं.