Share Market Fall: बीते पांच महीनों से शेयर बाजार निवेशकों को खून के आंसू रुला रहा हैं. सेंसेक्स अपने ऑल टाइम हाई से 10000 अंक तक गिर चुका है. सेंसेक्स-निफ्टी दोनों ही गोते लगा रहा है.शेयर बाजार में जारी गिरावट की एक बड़ी वजह विदेशी निवेशकों की बिकवाली है. भारतीय शेयर बाजार से निकल रहे ये निवेशक चीन का रूख कर रहे हैं.
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China link with Share Market: बीते पांच महीनों से शेयर बाजार निवेशकों को खून के आंसू रुला रहा हैं. सेंसेक्स अपने ऑल टाइम हाई से 10000 अंक तक गिर चुका है. सेंसेक्स-निफ्टी दोनों ही गोते लगा रहा है. शेयर बाजार की इस सुनामी में सिर्फ छोटे निवेशक ही नहीं बड़े-बड़े खिलाड़ी भी धराशायी हो रहे हैं. शेयर बाजार की गिरावट का ये लिंक अब चीन से जुड़ता जा रहा है.
चीन से जुड़े तार
शेयर बाजार में जारी गिरावट की एक बड़ी वजह विदेशी निवेशकों की बिकवाली है. भारतीय शेयर बाजार से निकल रहे ये निवेशक चीन का रूख कर रहे हैं. या यूं कहें कि चीन इन विदेशी निवेशकों को लुभाने में सफल रहा है. अगर आंकड़ों को देखें तो साल 2025 में अब तक एफपीआई ने भारतीय शेयरों में लगभग 1 लाख करोड़ रुपये की बिकवाली कर ली और ये लगातार जारी है. विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से पैसा निकाल रहे हैं और चीन में निवेश बढ़ा रहे हैं. अब सवाल ये कि आखिर चीन ऐसा क्या कर रहा है कि विदेशी निवेशक उसका रूख कर रहे हैं.
ऐसा क्या कर रहा है चीन कि निवेशक हो रहे फिदा
जहां भारतीय बाजार से विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी है तो वहीं चीन में हरियाली लौट रही है. एक ओर चीनी सरकार की ओर से जारी फंड तो वहीं आर्ठिफिशियल इंटेलीजेंस में उसके बढ़त कदम निवेशकों को लुभा रहे हैं. आंकडों को देखें तो पिछले दो हफ्तों से चीन में विदेशी निवेश बढ़ रहा है. पिछले हफ्ते चीन में 57.3 करोड़ डॉलर का विदेशी निवेश आया है, जो अक्टूबर 2024 के बाद सबसे ज्यादा है. चीन के ऑनशोर और ऑफशोर इक्विटी मार्केट्स की वैल्यू बीते एक महीने में 1.3 ट्रिलियन डॉलर से बढ़ी है. चीन के शेयर बाजार में हरियाली लौट रही है. चीन का शेयर मार्केट इंडेक्स लगातार तीसरे महीने भारतीय बाजार से आगे चल रहा है.
DeepSeek बना तारणहार
जिस डीपसेक ने अमेरिकी कंपनियों को हिला कर रख दिया वो चीनी शेयर बाजार के लिए तारणहार बन रहा है. डीपसेक के लॉन्च होने के बाद से चीनी शेयर बाजार में 1.3 ट्रिलियन डॉलर की तेजी आ चुकी है. डीपसेक के जरिए चीन ने दिखा दिया है कि वो तकनीक के मामले में भी ताकतवर हैं. डीपसेक के लॉन्च के बाद से चीन में टेक्नोलॉजी शेयरों में तेजी आई है. हाल ही में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने चीन के टेक कंपनियों के फाउंडर्स के साथ क्लोज डोर मीटिंग की. इस मीटिंग में क्या हुआ ये तो सामने नहीं आया है, लेकिन मीटिंग में अलीबाबा के जैकमा से लेकर शिओमी जैसी तमाम चीनी टेक कंपनियों के दिग्गज शामिल है.
चीन का राहत पैकेज
चीन की सरकार इकॉनमी में जान फूंकने के लिए आने वाले दिनों में कई स्टीम्यूलस पैकेज की घोषणा कर सकती है. चीन में टेक कंपनियों का ओहदा बढ़ता जा रहा है. अलीबाबा के मार्केट कैप में पिछले पांच हफ्ते में 100 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है. चीन की सरकार डीपसेक के साथ-साथ एआई के सेक्टर में अपना पूरा इकोसिस्टम बनाने में जुटा है. चीन की सरकार एआई के क्षेत्र में अपनी मजबूती बनाने में जुट गई है. डीपसीक रिलेटेड डेवलेपमेंट्स से चीन की इकोनॉमी आगे और बूस्ट कर सकती है. वहीं अमेरिका को जवाब देने के लिए चीन अपने इस मजबूत हथियार को धार देने में जुट गया है. टेक कंपनियों को बूस्ट करने की कोशिश की जा रही है.
डीपसीक से अमेरिका को चुनौती
तकनीक के मामले में अमेरिका अपने आपको दिग्गज समझता है, खासकर AI के मामले में, लेकिन चीन के एक छोटे से स्टार्टअप ने अमेरिका की एआई कंपनियों को हिलाकर रख दिया. चीन के एक छोटे से स्टार्टअप ने कम पैसे में इतना शक्तिशाली एआई मॉडल बना लिया जिसके बारे में अमेरिकी की बड़ी-बड़ी कंपनियां सोच भी नहीं सकीं. डीपसीक ने अमेरिका के टेक महारथियों को हिलाकर रख दिया है. अमेरिकी चिप मेकिंग कंपनी एनवीडिया (Nvidia) के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई. लॉन्च होते ही डीपसीक ने ऐपल के ऐप स्टोर पर पहला स्थान हासिल कर लिया. ओपनएआई के ChatGPT की टेंशन बड़ा दी. वहीं चीन की प्रमुख टेक और ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा ने भी ChatGPT-4 को चुनौती देने वाला नया AI मॉडल Qwen2.5-Max लॉन्च किया.