Sheikh Hasina Resignation Mystery: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना इस साल 5 अगस्त को छात्रों के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद भागकर भारत आ गई थीं. अब बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने उनके इस्तीफे के रहस्य को लेकर बहस को फिर से हवा दे दी. इससे ढाका में एक बार फिर आग भड़कने लगी है.
Trending Photos
Bangladesh Students Protests Again: बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन के हाल ही में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता और देश से बेदखल होने के दावे ने उनके इस्तीफे के रहस्य को लेकर बहस को फिर से हवा दे दी है. इसके बाद तस्लीमा नसरीन जैसी मशहूर हस्तियों ने भी इस साल 5 अगस्त को शेख हसीना के भारत भागने से पहले उनके कदमों को लेकर "सबूत" की कमी पर सवाल उठाए हैं.
प्रदर्शनकारियों ने मांगा राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन का इस्तीफा
राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन की हालिया टिप्पणी ने ढाका में फिर से बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन को जन्म दिया. इसमें शामिल छात्रों और प्रदर्शनकारियों ने उनके इस्तीफे की मांग की और उन पर "झूठ" बोलने का आरोप लगाया. विरोधियों ने उनके बयान को "उनके पद की शपथ का उल्लंघन" करार दिया. उनके बयान ने अटकलों को जन्म दिया और शेख हसीना को सत्ता से बाहर करने के लिए बांग्लादेश की सेना पर बेईमानी से काम करने के आरोप लगाए.
बांग्लादेश में किन वजहों से फिर से होने लगे नए विरोध प्रदर्शन?
ढाका में मंगलवार को सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने बंगभवन के नाम से मशहूर राष्ट्रपति भवन पर दोबारा हमला करने का प्रयास किया. प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन के इस्तीफे की मांग की, लेकिन सेना ने बैरिकेड्स की मदद से उन सबको बाहर रोक दिया. शेख हसीना के इस्तीफे के महीनों बाद बड़े पैमाने पर विद्रोह प्रदर्शन इसलिए शुरू हुआ क्योंकि राष्ट्रपति शहाबुद्दीन ने हाल ही में बांग्ला दैनिक मनाब ज़मीन को दिए एक इंटरव्यू में सनसनीखेज दावा किया था.
शहाबुद्दीन ने कहा था कि उन्होंने कई बार शेख हसीना से इस्तीफा लेने की कोशिश की, लेकिन हसीना को शायद इस्तीफा देने का समय नहीं मिला क्योंकि राजधानी ढाका में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए और उन्हें अचानक देश छोड़कर भागने पर मजबूर होना पड़ा.
राष्ट्र के नाम संबोधन में किए अपने दावे से पलटे राष्ट्रपति शहाबुद्दीन
डेली स्टार ने राष्ट्रपति के हवाले से कहा, "मैंने कई बार (इस्तीफा लेने की) कोशिश की, लेकिन असफल रहा. शायद उन्हें समय नहीं मिला." इसके उलट, उन्होंने 5 अगस्त को शेख हसीना के शरण लेने के लिए भारत जाने के कुछ घंटों बाद रात में प्रसारित राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा था कि उन्हें प्रधानमंत्री शेख हसीना का इस्तीफा मिल गया है. उन्होंने सेना प्रमुख जनरल वेकर उज ज़मान सहित सेना के जवानों के साथ खड़े होकर दावा किया था, "आप जानते हैं कि प्रधानमंत्री शेख हसीना ने राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया है, और मुझे वह मिल गया है."
'खुदा की तरह इस्तीफा, कहीं नहीं दिखा'- तस्लीमा नसरीन के आरोप
बांग्लादेशी लेखिका और सामाजिक कार्यकर्ता तस्लीमा नसरीन ने सेना प्रमुख और राष्ट्रपति सहित शीर्ष अधिकारियों पर "झूठ" बोलने का आरोप लगाया और कहा कि इस्तीफा कभी सामने नहीं आया. उन्होंने ट्वीट किया, "बांग्लादेश में हर कोई झूठ बोल रहा है. सेना प्रमुख ने कहा कि शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया है. राष्ट्रपति ने कहा कि हसीना ने इस्तीफा दे दिया है. मोहम्मद यूनुस ने कहा कि हसीना ने इस्तीफा दे दिया है. लेकिन किसी ने इस्तीफा नहीं देखा है. इस्तीफा खुदा की तरह है, हर कोई कहता है कि यह है, लेकिन कोई भी यह नहीं दिखा सकता या साबित नहीं कर सकता कि यह कहां है."
Everybody in Bangladesh lied. Army chief said Hasina resigned. President said Hasina resigned. Yunus said Hasina resigned. But nobody has seen the resignation letter. Resignation letter is like a god, everybody says it is there, but nobody can show or prove it is there.
— taslima nasreen (@taslimanasreen) October 23, 2024
बांग्लादेशी सेना ने शेख हसीना को 'पद से इस्तीफा दिए बिना' भगाया
दूसरी ओर, भारतीय रणनीतिक विचारक, लेखक और टिप्पणीकार ब्रह्मा चेलानी ने भी दावा किया कि बांग्लादेशी सेना ने शेख हसीना को 'प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिए बिना' भारत भागने के लिए मजबूर किया. उन्होंने इस्तीफे के कोई सबूत नहीं होने के मोहम्मद शहाबुद्दीन के नए दावे का हवाला देते हुए कहा कि यह दर्शाता है कि मुहम्मद यूनुस का वर्तमान शासन, जिसे शेख हसीना के जाने के बाद अंतरिम सरकार का सलाहकार नियुक्त किया गया था, एक 'हड़पने वाला शासन' है.
बांग्लादेश में सैन्य-स्थापित अंतरिम शासन एक हड़पने वाली सरकार
उन्होंने ट्वीट किया, “सेना ने हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा दिए बिना ही भारत भेज दिया. अब, बांग्लादेश के राष्ट्रपति शहाबुद्दीन के इस स्वीकारोक्ति कि “शायद उन्हें इस्तीफ़ा देने का समय नहीं मिला” ने राजनीतिक तूफ़ान खड़ा कर दिया है, क्योंकि इससे पता चलता है कि सैन्य-स्थापित अंतरिम शासन एक हड़पने वाली सरकार है. इसके कारण, अंतरिम शासन के विधि सलाहकार ने राष्ट्रपति की मानसिक तीक्ष्णता पर सवाल उठाया है और चेतावनी दी है कि अंतरिम सरकार एक बैठक में इस बात पर चर्चा करेगी कि शहाबुद्दीन राष्ट्रपति बने रह सकते हैं या नहीं.”
The military packed Hasina off to India without she resigning as PM. Now, Bangladesh President Shahabuddin's admission that "maybe she did not get the time" to resign has set off a political firestorm, as it shows that the military-installed interim regime is an usurper regime.…
— Brahma Chellaney (@Chellaney) October 22, 2024
ये भी पढ़ें - Sheikh Hasina: शेख हसीना के खिलाफ बांग्लादेश ट्रिब्यनल का अरेस्ट वारंट, भारत से उनका प्रत्यर्पण होगा या नहीं; क्या है नियम?
बांग्लादेश की मौजूदा राजनीतिक हालत पर दुनिया भर में बढ़ी चिंता
इसके बाद दुनिया भर में बांग्लादेश की मौजूदा राजनीतिक हालत को देखकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. खासकर, मोहम्मद यूनुस के अस्पताल में होने की खबर, शेख हसीना के निर्वासन के दौरान बांग्लादेश में उनके खिलाफ लगातार दर्ज होते आपराधिक मामले, स्थानीय नेताओं के पल-पल बदलते सियासी बयानों और ढ़ाका की सड़कों पर फिर से स्टूडेंट प्रोटेस्ट के अलावा जमात ए इस्लामी के कारनामों के बीच अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की वारदातों के नहीं थमने को लेकर बांग्लादेश में एक बार फिर सियासी आग भड़कने की आशंका बढ़ गई है.
तमाम खबरों पर नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहां पढ़ें Hindi News Today और पाएं Breaking News in Hindi हर पल की जानकारी. देश-दुनिया की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार. जुड़े रहें हमारे साथ और रहें अपडेटेड!