UP BY Election: यह उपचुनाव सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए कितने महत्वपूर्ण है, इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि योगी ने अपने मंत्रियों की फौज उतार दी है. साथ ही अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर अतिरिक्त फोकस है. उधर इंडिया गठबंधन ने भी पत्ते खोलने शुरू कर दिए हैं.
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CM Yogi And Akhilesh Yadav: लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद बदली हुई बयार में देश के सबसे बड़े राजनीतिक सूबे उत्तर प्रदेश में उपचुनाव होने वाले हैं. ये उपचुनाव योगी आदित्यनाथ के लिए कई मायनों में अलग होने वाले हैं. प्रदेश में मजबूत सरकार होते हुए भी वे संगठन के स्तर पर चुनौती का सामना कर रहे हैं, ये बात किसी से छिपी नहीं है. साथ ही उपचुनावों में अयोध्या की मिल्कीपुर एक ऐसी सीट है जो उनके और बीजेपी के लिए अलग से केस स्टडी बन गई है. योगी इस सीट को हर हाल में जीतना चाह रहे हैं क्योंकि ये वही सीट है जहां से विधायक अवधेश प्रसाद ने अयोध्या लोकसभा सीट बीजेपी से छीन ली है. फिलहाल योगी ने इसके लिए भी अलग प्लान बनाया है.
जिन सीटों पर चुनाव होने हैं वे फूलपुर, खैर, गाजियाबाद, मझवां, मीरापुर, मिल्कीपुर, करहल, कटेहरी, कुंदरकी और सीसामऊ हैं. इसमें से नौ के विधायक इस बार लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बन गए. जबकि सीसामऊ सपा विधायक इरफान सोलंकी की आपराधिक मुकदमे में सदस्यता रद्द होने के कारण खाली हुई है. इन सीटों पर उपचुनाव के लिए योगी ने 30 मंत्रियों की तैनाती कर दी है. सीएम योगी ने बुधवार को इन मंत्रियों के साथ मंथन किया और सभी सीटें जीतने का लक्ष्य दिया है.
सीएम योगी ने कहा कि हर हाल में सभी 10 सीटों को जीतना है. इसके लिए मंत्री चुनाव समाप्त होने तक वहां डटे रहें. सप्ताह में कम से कम दो दिन उसी क्षेत्र में रात्रि प्रवास करें. मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को बूथ स्तर तक के सभी कार्यकर्ताओं से संवाद करने और उनकी समस्याओं का निस्तारण कराने के भी निर्देश दिए हैं. साथ ही सीएम ने यह भी कहा है कि यदि कहीं कार्यकर्ताओं की समस्या सुलझाने में दिक्कत आ रही हो तो सीधे हमें बताएं.
अयोध्या की मिल्कीपुर एक ऐसी सीट है जिसे योगी हर हाल में जीतना चाह रहे हैं. ये वही सीट है जहां से विधायक अवधेश प्रसाद ने अयोध्या लोकसभा सीट बीजेपी से छीन ली है. यहां से विधायक रहे अवधेश प्रसाद ही फैजाबाद लोकसभा सीट से चुनाव जीते हैं. इसलिए बीजेपी मिल्कीपुर सीट छीनने की कोशिश में जुटी है. इसलिए इस पर चार मंत्रियों के अलावा संगठन से भी बड़े नेताओं को चुनाव की कमान सौंपी गई है. मिल्कीपुर सीट की जिम्मेदारी सूर्य प्रताप शाही, मयंकेश्वर शरण सिंह, गिरीश यादव और सतीश शर्मा को दी गई है.
अन्य सीटों पर मंत्रियों की तैनाती की बात की जाए तो करहल सीट पर जयवीर सिंह, योगेन्द्र उपाध्याय, अजीत पाल सिंह, कटेहरी सीट पर स्वतंत्र देव सिंह, संजय निषाद, दयाशंकर मिश्र दयालु, सीसामऊ सीट पर सुरेश खन्ना, नितिन अग्रवाल, फूलपुर सीट पर दयाशंकर सिंह व राकेश सचान, मझवां सीट पर अनिल राजभर, आशीष पटेल, रविंद्र जायसवाल, रामकेश निषाद, गाजियाबाद सदर सीट पर सुनील शर्मा, बृजेश सिंह, कपिलदेव अग्रवाल, मीरापुर सीट पर अनिल कुमार, सोमेन्द्र तोमर, केपी मलिक, खैर सीट पर लक्ष्मी नारायण चौधरी, संदीप सिंह, कुंदरकी सीट पर धर्मपाल सिंह, जेपीएस राठौर, जसवंत सैनी और गुलाब देवी को जिम्मेदारी दी गई है.
उधर इंडिया गठबंधन ने भी उप चुनाव के लिए कमर कास लिया है. ताजा जानकारी यही निकलकर सामने आई यही कि लोकसभा चुनाव में मिली अपार सफलता के बाद अब उत्तरप्रदेश विधानसभा उपचुनाव में सपा-कांग्रेस साथ लड़ेगी. उत्साही सूत्रों ने तो यहां तक दावा कर दिया है कि सपा 7 और कांग्रेस 3 सीटों पर उपचुनाव लड़ेगी.
यह भी बात सामने आई है कि 21 जुलाई को कांग्रेस ने लखनऊ में जिला अध्यक्षों की बैठक बुलाई है. जिन जिलों में विधानसभा चुनाव होने हैं उनसे चर्चा होगी बैठक में और साथ ही एजेंडा भी तय किया जाएगा. एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये कांग्रेस के लिए सही समय है जब वो अपने संगठन को भी जिंदा कर सकती है और यह उपचुनाव उसके लिए कार्यकर्ताओं में जोश भरने का भी मौका लेकर आया है. फिलहाल अब देखना है कि क्या होने वाला है.