Sebi Action Against Quant MF: शेयर बाजार को रेग्युलेट करने वाली संस्था सेबी ने क्वांट म्यूचुअल फंड के ऑफिस पर छापा मारा है. इस फंड में 93,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह फंड फ्रंट-रनिंग कर रहा है.
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Quant Mutual Fund: अगर आपने भी क्वांट म्यूचुअल फंड (Quant Mutual Fund) में निवेश कर रखा है तो इस खबर के बारे में आपका अपडेट होना जरूरी है. शेयर बाजार को रेग्युलेट करने वाली संस्था सेबी (SEBI) ने क्वांट म्यूचुअल फंड के ऑफिस पर छापा मारा है. संदीप टंडन के इस फंड में 93,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश है. मीडिया रिपोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार सेबी (SEBI) को शक है कि यह फंड फ्रंट-रनिंग कर रहा है. आपको बता दें फ्रंट-रनिंग एक तरह से अवैध गतिविधि है.
मुंबई और हैदराबाद ऑफिस में छापेमारी
सेबी ने इसकी जांच को लेकर क्वांट म्यूचुअल फंड के मुंबई और हैदराबाद ऑफिस पर छापेमारी की. पिछले तीन साल में क्वांट म्यूचुअल फंड सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली म्यूचुअल फंड कंपनियों में से एक रही है. जनवरी 2020 में कंपनी के अंतर्गत निवेश महज 258 करोड़ रुपये था. वहीं, जून 2024 तक यह राशि बढ़कर 90,000 करोड़ रुपये के भी आंकड़े को पार कर गई है.
क्या है फ्रंट रनिंग और कैसे करता है काम?
म्यूचुअल फंड के अंतर्गत फ्रंट-रनिंग गैरकानूनी काम है. इसमें फंड मैनेजर या कोई ब्रोकर गोपनीय जानकारी का इस्तेमाल करता है. यह जानकारी किसी बड़े निवेश के बारे में होती है, जो म्यूचुअल फंड जल्द करने वाला है. इस सीक्रेट जानकारी का फायदा उठाकर, वह ब्रोकर पहले अपने लिए शेयर खरीद लेता है जिससे रेट में तेजी आ जाती है. फिर जब फंड मार्केट में आता है तो उसे ऊंचे रेट पर शेयर खरीदने पड़ते हैं. इससे फंड का नुकसान होता है और निवेशकों को कम रिटर्न मिलता है. इसलिए फ्रंट-रनिंग को देश में गलत माना जाता है.
इनसाइडर ट्रेडिंग से कैसे अलग है फ्रंट रनिंग
फ्रंट-रनिंग के साथ ही देश में इनसाइडर ट्रेडिंग भी गैरकानूनी है, ये दोनों ही अलग-अलग हैं. इनसाइडर ट्रेडिंग में कोई व्यक्ति किसी कंपनी के बारे में अहम जानकारी का इस्तेमाल कर शेयर खरीदता या बेचता है. यह जानकारी आमतौर पर कंपनी की कमाई रिपोर्ट, मर्जर (Merger) या टेकओवर (Acquisition) जैसी बड़ी घटनाओं से जुड़ी होती है.
आप पर कैसे असर डालती है फ्रंट रनिंग
फ्रंट-रनिंग का सीधा असर निवेशकों पर पड़ता है. इसकी वजह से शेयरों के दाम उनकी उम्मीद से उल्ट बढ़ जाते हैं. उदाहरण के लिए, कोई म्यूचुअल फंड किसी कंपनी के बहुत सारे शेयर खरीदना चाहता है. लेकिन फ्रंट-रनिंग हो जाती है यानी किसी और को पहले से पता चल जाता है कि ये फंड बहुत सारे शेयर खरीदने वाला है. ऐसे में वह व्यक्ति पहले से ही शेयर खरीद लेता है, जिससे शेयरों की डिमांड बढ़ जाती है और दाम ऊंचे हो जाते हैं. नतीजा यह होता है कि जब फंड आखिर में शेयर खरीदता है तो उसे ज्यादा दाम पर खरीदना पड़ता है. इससे फंड को कम प्रॉफिट होता है और इसका सीधा असर निवेशकों के रिटर्न पर पड़ता है.
क्वांट ने पूरा सहयोग करने का भरोसा दिलाया
क्वांट म्यूचुअल फंड की तरफ से कहा गया कि सेबी (SEBI) की तरफ से की जा रही जांच में पूरा सहयोग करने के लिए तैयार है. कंपनी की तरफ से यह बयान उस खबर के बाद आया है कि सेबी फ्रंट-रनिंग गतिविधियों को लेकर क्वांट म्यूचुअल फंड की जांच कर रहा है. खबरों के अनुसार, नियामक ने मुंबई और हैदराबाद में क्वांट म्यूचुअल फंड के ऑफिस में तलाशी और जब्ती अभियान चलाया है. कल देर रात निवेशकों को लिखे एक नोट में कंपनी ने कहा, ‘हाल ही में क्वांट म्यूचुअल फंड को सेबी से पूछताछ से जुड़ी जानकारी मिली है. हम इस मामले के बारे में आपकी किसी भी चिंता को दूर करना चाहते हैं.’
क्या है पूरा मामला
मार्केट रेग्युलेटर सेबी (SEBI) को शक है कि क्वांट म्यूचुअल फंड फ्रंट-रनिंग में शामिल है. इसके बाद सेबी ने क्वांट के मुंबई और हैदराबाद ऑफिस में तलाशी की है. इसी शक के आधार पर सेबी ने क्वांट के ऑफिस में जब्ती अभियान भी चलाया है. क्वांट की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि जरूरी सहायता देंगे और सेबी को नियमित और जरूरत के हिसाब से आंकड़े प्रस्तुत करना जारी रखेंगे. आपको बता दें क्वांट म्यूचुअल फंड के पास 80 लाख से ज्यादा फोलियो हैं. इसके मैनेजमेंट के तहत एयूएम 93000 करोड़ रुपये से ज्यादा का है.