KK Pathak: बिहार के स्कूलों में मिशन दक्ष शुरू, जानें इसको लेकर क्या है केके पाठक का आदेश
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KK Pathak: बिहार के स्कूलों में मिशन दक्ष शुरू, जानें इसको लेकर क्या है केके पाठक का आदेश

KK Pathak: बिहार की शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के लिए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने आज से मिशन दक्ष की शुरुआत की है. इसके तहत राज्य प्रत्येक स्कूलों से उन बच्चों को चयनित किया गया है जो पढ़ने में पूरी तरह कमजोर हैं.

KK Pathak: बिहार के स्कूलों में मिशन दक्ष शुरू, जानें इसको लेकर क्या है केके पाठक का आदेश

भागलपुर: KK Pathak: बिहार की शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के लिए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने आज से मिशन दक्ष की शुरुआत की है. इसके तहत राज्य प्रत्येक स्कूलों से उन बच्चों को चयनित किया गया है जो पढ़ने में पूरी तरह कमजोर हैं. खासकर उन्हें हिंदी मालूम नहीं होता है तो ऐसे में उनकी शिक्षा में सुधार लाने के लिए मिशन दक्ष की शुरुआत की गई है. इसके साथ ही आज से स्कूलों में नया समय सारणी तय की गई है. अब स्कूल 9 बजे खुलेंगे और शाम 5 बजे बन्द होंगे. नौ बजे से साढ़े तीन बजे तक सामान्य बच्चों की पढ़ाई होगी. इसके बाद साढ़े तीन से चार बजकर 15 मिनट तक उन चयनित बच्चों को पढ़ाया जाएगा.

जो मिशन दक्ष के तहत चयनीत हुए हैं और उनकी शिक्षा में सुधार लायी जाएगी. भागलपुर के जगदीशपुर स्थित खरबा मध्य विद्यालय का निरीक्षण कर केके पाठक ने मिशन दक्ष पर फोकस करने की बात कही. यहां उन्होंने बच्चों से बात की. प्रिंसिपल ने बताया कि 168 बच्चे मिशन दक्ष के तहत चयनित हुए हैं. अभी 55 बच्चों को पढ़ाने की शुरुआत हुई है. 11 शिक्षक 5-5 बच्चों को गोद लेकर पढ़ाएंगे इनकी हिंदी मजबूत की जाएगी।. यहां आज से इसकी शुरुआत हो गयी है.

वहीं, गणित के वैसे बच्चे जिन्हें अंक पहचानने में भी परेशानी आती है. उन्हें भी इस अभियान में शामिल किया जाएगा. ऐसे बच्चों को 15 मार्च, 2024 तक पढ़ने में अच्छा बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. वहीं, ये बच्चे अगर परीक्षा में पास नहीं हो पाते है तो प्रधानाध्यापक के ऊपर कार्रवाई भी की जाएगी. इसको लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने एक आदेश जारी किया था. जिसके कहा गया था कि मार्च के तीसरे सप्ताह में स्कूलों में वार्षिक परीक्षा का आयोजन किया जाएगा. इन बच्चों का इस परीक्षा में पास होना आवश्यक है. यदि ये बच्चे असफल हो जाते हैं, तो संबंधित शिक्षक या प्रधानाध्यापक पर कार्रवाई की जा सकती है.

इनपुट- अश्वनी कुमार

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