Bihar Flood: कटाव रोकने के लिए नहीं की गई व्यवस्था, अब गंगा, गंडक और कोसी मचा रही हैं तबाही
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Bihar Flood: कटाव रोकने के लिए नहीं की गई व्यवस्था, अब गंगा, गंडक और कोसी मचा रही हैं तबाही

कुर्सेला प्रखंड क्षेत्र के पत्थरटोला में गंगा-कोशी नदी की बढ़ती रफ्तार से कटाव तबाही मचा रहा है. गंगा-कोसी के जलस्तर में वृद्धि से पत्थर टोला जलमग्न हो रहा है. छपाक-छपाक का शोर मचाती पत्थर टोला की धरती नदी में विलीन हो रही है. 

Bihar Flood: कटाव रोकने के लिए नहीं की गई व्यवस्था, अब गंगा, गंडक और कोसी मचा रही हैं तबाही

पटनाः बिहार के कटिहार में नदियां उफान पर हैं. महानंदा नदी खतरनाक जलस्तर के निशान को पार कर गयी है तो वहीं, गंगा, कोसी और बरण्डी नदी भी खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं. पांच प्रखंड मुख्यालय के निचले इलाकों का सड़क संपर्क भी कट गया है. नदियों के तटवर्ती इलाकों में किसानों की रही-सहीं उपजी फसलें  भी जलमग्न हो रही हैं. यानी एक तरफ किसान सूखे से तो परेशान ही हैं, लेकिन बैराजों द्वारा छोड़ा जा रहा पानी उनके लिए और भी विनाश लेकर आ रहा है. ऐसा ही हाल कुर्सेला क्षेत्र का भी है. 

कटाव रोकने के नहीं हुए उपाय
कुर्सेला प्रखंड क्षेत्र के पत्थरटोला में गंगा-कोशी नदी की बढ़ती रफ्तार से कटाव तबाही मचा रहा है. गंगा-कोसी के जलस्तर में वृद्धि से पत्थर टोला जलमग्न हो रहा है. छपाक-छपाक का शोर मचाती पत्थर टोला की धरती नदी में विलीन हो रही है. स्थानीय किसान अपनी फसलों को यूं बरबाद होते देखने के लिए मजबूर है. एक ओर नदियां बाढ़ ला रही हैं तो दूसरी ओर किसानों की आंखों में आंसुओं की बाढ़ है. ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ नियंत्रण विभाग के लोग आए तो जरूर थे पर कटाव निरोधी कार्य की व्यवस्था का कोरा भरोसा देकर चले गए. उनकी लापरवाही से उग्र, गंगा और कोसी तांडव मचा रही हैं.

बगहा और बागमती में भी उफान
मुजफ्फरपुर के ओराई कटरा में बागमती के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. कटरा के पीपा पुल के एप्रोच पथ पर बाढ़ का पानी चढ़ आया है, जिससे लोगों को आने-जाने में परेशानी हो रही है. बागमती के जल स्तर में वृद्धि से आम जन संभावित बाढ़ के खतरे से दहशत में है. नेपाल मे हो रही लगातार बारिश से बिहार के कई प्रमुख नदियों का जलस्तर काफी तेजी से बढ़ने लगा है मुजफ्फरपुर के कटौझा में बागमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है. उधर बगहा के वाल्मीकिनगर स्थित गण्डक बराज से 3 लाख 14 हजार क्यूसेक पानी नदी में छोड़ा गया है. जिसके बाद इलाके में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. दरअसल नेपाल के तराई क्षेत्रों में हुई वर्षा के बाद काली गंडकी उफान पर है.

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