Tej Pratap March: शांति मार्च की जानकारी देते हुए परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रशांत प्रताप यादव ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा अग्निपथ जैसी योजना तब लायी गई, जब बेरोजगारी अपने उच्चतम रिकॉर्ड को पार कर रही है और युवा भविष्य को लेकर चिंतित हैं. ऐसी परिस्थिति में युवाओं ने उग्र आंदोलन किया. इसका पूरा जिम्मेदार जुमलेवीरों की सरकार है.
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पटना: Tej Pratap March: अग्निपथ योजना के खिलाफ राजद भी सड़क पर उतरेगी. ये फैसला लिया है, लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे विधायक तेज प्रताप ने. कांग्रेस के सत्याग्रह आंदोलन और धरना प्रदर्शन के बाद तेज प्रताप ने फैसला किया है कि वह अग्निपथ योजना के खिलाफ विरोध पर उतरेंगे. तेज प्रताप का संगठन छात्र जनशक्ति परिषद मंगलवार को पटना में शांति मार्च निकालने जा रहा है. संगठन के राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता प्रशान्त प्रताप यादव ने बताया कि ये शांति मार्च जनशक्ति परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजप्रताप यादव के निर्देश के अनुसार 28 जून की संध्या 4 बजे राजधानी के गांधी मैदान स्थित गांधी मूर्ति से कारगिल चौक तक शांति मार्च निकलेगा.
सफेद गुलाब देकर करेंगे अपील
शांति मार्च की जानकारी देते हुए परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रशांत प्रताप यादव ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा अग्निपथ जैसी योजना तब लायी गई, जब बेरोजगारी अपने उच्चतम रिकॉर्ड को पार कर रही है और युवा भविष्य को लेकर चिंतित हैं. ऐसी परिस्थिति में युवाओं ने उग्र आंदोलन किया. इसका पूरा जिम्मेदार जुमलेवीरों की सरकार है. लेकिन निर्दोष छात्र, युवा और शिक्षक के ऊपर कार्रवाई करके वर्तमान सरकार ने ये साबित किया है कि देश को आरएसएस और बीजेपी के लोग अपना गुलाम बनाना चाहते हैं. जो इनकी नीतियों का विरोध करेगा, उसे प्रताड़ित किया जाएगा. प्रशान्त प्रताप का कहना है कि इस दौरान युवाओं को सफेद गुलाब देकर उनसे अपील की जाएगी कि सरकार के छात्र, युवा विरोधी नीतियों का विरोध लोकतांत्रिक और अहिंसा के तरीके से करें. वर्तमान सरकार का बहिष्कार आगामी चुनाव में वोट के चोट से करें. हंगामा और हिंसा का रास्ता बिल्कुल ना अपनाएं. इससे हमारा ही नुकसान होता है.
कहा- हम गांधी जी को मानने वाले लोग
पिछले कुछ दिनों से अग्निपथ को लेकर प्रदेश भर में जो माहौल उत्पन्न हुआ, उससे प्रदेश और देश की अरबों की संपति का नुकसान भी हुआ. हमलोग हिंसा का समर्थन कतई नहीं करते, हमलोग गांधी जी को मानने वाले लोग हैं. इसलिए शान्ति मार्च के माध्यम से सरकार से अपील करेंगे कि निर्दोष छात्रों, नौजवानों और शिक्षकों को परेशान न करें.