नगर निगम कार्यालय में कर्मियों के बीच हंगामे के बाद क्षेत्र में सफाई कार्य ठप, जानें किस मांग पर अड़े कर्मी
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नगर निगम कार्यालय में कर्मियों के बीच हंगामे के बाद क्षेत्र में सफाई कार्य ठप, जानें किस मांग पर अड़े कर्मी

अनुकंपा के आधार पर नौकरी की मांग को लेकर लगभग 1 वर्ष से भी अधिक समय से मर्डर कार्यालय के बाहर धरना दे रहे हैं. जिसके बाद मीडिया में नगर आयुक्त का एक बयान देने के बाद यह मामला गरमाया.

नगर निगम कार्यालय में कर्मियों के बीच हंगामे के बाद क्षेत्र में सफाई कार्य ठप, जानें किस मांग पर अड़े कर्मी

धनबाद : धनबाद के नगर निगम कार्यालय में मंगलवार की रात्रि को हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला. जहां पर अनुकंपा के आधार पर नौकरी की मांग कर रहे आश्रितों के द्वारा नगर निगम कार्यालय के समक्ष ही नगर आयुक्त के साथ धक्का-मुक्की हुई. अब नगर आयुक्त के साथ धक्का-मुक्की किए जाने के विरोध  बिरोध में नगर निगम के कर्मचारी आज सभी 55 वार्डों में साफ-सफाई ठप कर धरना में बैठ गए. नगर निगम के सफाई कर्मी नगर आयुक्त के साथ हुई बदसलूकी का विरोध कर रहे हैं और नगर आयुक्त के सपोर्ट में वह धरना दे रहे हैं सभी 55 वार्डों की साफ-सफाई पूरी तरह से ठप है.

मांग नहीं होगी पूरी तो हड़ताल पर जाएंगे सफाई कर्मी
अनुकंपा के आधार पर नौकरी की मांग को लेकर लगभग 1 वर्ष से भी अधिक समय से मर्डर कार्यालय के बाहर धरना दे रहे हैं. जिसके बाद मीडिया में नगर आयुक्त का एक बयान देने के बाद यह मामला गरमाया. जिसमें नगर आयुक्त ने किसी भी प्रकार की नौकरी माडा करने के आश्रितों को नहीं होने की बात कही थी. उन्होंने यह भी कहा था कि किसी भी आश्रित को नौकरी नहीं मिल सकती है. झारखंड हाई कोर्ट में भी यह मामला खारिज हो चुका है. जिसके बाद अफसरों के द्वारा नगर आयुक्त से मुलाकात की मांग की गई, लेकिन नगर आयुक्त उनसे मिलने के लिए राजी नहीं हुए जिसके बाद धरना दे रहे. आश्रितों के सब्र का बांध टूट गया और हाई वोल्टेज ड्रामा मंगलवार को देखने को मिला. वहीं सफाई कर्मी नगर आयुक्त के बोलवे पर 55 वार्डो की कर्मी निगम कार्यालय पहुंचे और हड़ताल पर जाने की घोषणा किया.

साथ ही अब यह मामला दिलचस्प मोड़ ले चुका है. क्योंकि एक तरफ अनुकंपा के आधार पर नौकरी की मांग कर रहे लोगों के द्वारा धक्का-मुक्की के बाद जहां नगर निगम के सफाई कर्मी नगर आयुक्त के सपोर्ट में आ गए हैं. पूरे जिले की सफाई व्यवस्था को ठप कर चुके हैं तो वहीं दूसरी तरफ अब झमाड़ा के यूनियन नेता भी आश्रितों के फेवर में खड़े हो चुके हैं. उन्होंने नगर आयुक्त को चेतावनी देते हुए कई बातें कही है.

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