Opposition Leaders Personal Attack On PM Modi: विपक्षी नेता हमेशा पीएम मोदी पर अक्सर पर्सनल अटैक करने लगते हैं. अभी तक तो कांग्रेसी इसमें आगे थे, लेकिन अब राजद अध्यक्ष लालू यादव भी इन नेताओं में शामिल हो चुके हैं.
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Opposition Leaders Personal Attack On PM Modi: नीच, चायवाला, खून की दलाली, मौत का सौदागर, जहरीला सांप और अब 'परिवार नहीं है'... ये वो शब्द हैं जो किसी को भी विचलित कर सकते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इन सभी शब्दों का सामना करना पड़ा है. राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप तो सामान्य बातें हैं, लेकिन विपक्षी नेता हमेशा पीएम मोदी पर अक्सर पर्सनल अटैक करने लगते हैं. अभी तक तो कांग्रेसी इसमें आगे थे, लेकिन अब राजद अध्यक्ष लालू यादव भी इन नेताओं में शामिल हो चुके हैं. पटना रैली में लालू यादव ने जब बोलना शुरू किया तो प्रधानमंत्री के लिए भाषा की सारी मर्यादाओं को लांघ गए. प्रधानमंत्री पर ना सिर्फ नकली हिंदू होने का आरोप लगाया, बल्कि ये भी कह दिया कि उनके पास परिवार नहीं है. बिना परिवार वाले व्यक्ति को क्या कहते हैं, ये बताने की जरूरत नहीं है. यूपी-बिहार में तो इस शब्द का इस्तेमाल करने पर गोलियां तक चल जाती हैं. इसके बावजूद लालू ने प्रधानमंत्री के लिए इस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया. आइए समझते हैं कि आखिर क्यों प्रधानमंत्री मोदी पर विपक्षी नेता हमेशा पर्सनल अटैक करने लगते हैं.
1. परिवारवाद- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, परिवारवाद के सख्त विरोधी हैं. पीएम मोदी पर पर्सनल अटैक का ये सबसे बड़ा कारण है. दरअसल, देश की ज्यादातर राजनीतिक पार्टियां परिवारवाद से ग्रसित हैं. कुछ पार्टियां तो सिर्फ परिवार के लोग ही चला रहे हैं. यहां किसी भी पार्टी का नाम लेने की जरूरत नहीं, आप खुद भी समझ रहे होंगे. मोदी जब परिवारवाद की बात करते हैं तो ऐसे दलों के लोग बौखला जाते हैं. ऐसा नहीं है कि प्रधानमंत्री सिर्फ राजनीति में परिवारवाद का विरोध करते हैं बल्कि उनके भाषणों को अगर सुनेंगे तो वह हर फिल्ड में नेपोटिज्म के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रेरित करते हैं. वह लालकिले की प्राचीर से भी नेपोटिज्म के खिलाफ जंग लड़ने की अपील कर चुके हैं. उनका कहना है कि परिवारवाद से प्रतिभा का दमन होता है. लोकतंत्र में तो परिवारवाद सबसे बड़ा अभिशाप है.
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2. करारी हार की खीझ- नरेंद्र मोदी ने 2014 में केंद्र की सत्ता संभाली थी. उस चुनाव में आई मोदी लहर में विपक्ष का सूपड़ा साफ हो गया था. उसके बाद 2019 में उससे भी बड़ी 'बीजेपी आंधी' आई. इस बार भी विपक्ष सूखे पत्तों की तरह उड़ गया. 2024 के लिए भी अभी तक आए सारे ओपिनियन पोल में मोदी सुनामी आने की बात की जा रही है. इतना ही नहीं केंद्र के अलावा राज्यों के चुनाव में भी बीजेपी लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रही है. भगवा लहर में राज्य दर राज्य पर बीजेपी का कब्जा हो रहा है. मोदी जब चुनावी मैदान में उतरते हैं तो जनता धर्म, जाति और क्षेत्र से ऊपर उठकर वोटिंग करती है. नतीजे में बीजेपी की शानदार जीत होती है और विपक्ष को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ता है. पहले जहां क्षेत्रीय दलों का वर्चस्व था वहीं अब उनपर अपना अस्तित्व बचाने का संकट मंडरा रहा है. इससे विपक्ष बड़ा भयभीत और गुस्से में है.
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3. विशेष वर्ग का वोट- मोदी पर पर्सनल अटैक करने का सबसे बड़ा और आखिरी कारण है एक विशेष वर्ग का वोट पाना. वैसे तो प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर बीजेपी को सभी धर्म, जाति और क्षेत्र की जनता का वोट मिलता है, लेकिन देश में अभी भी एक बड़ा तबका है जो मोदी विरोधी है. इस विशेष वर्ग को खुश करने के लिए विपक्षी नेता भी किसी हद तक जाने को तैयार रहते हैं. इस विशेष वर्ग की धारणा के अनुसार जो मोदी को जितना अपमानित कर सकता है, वही उतना बड़ा नेता बन सकता है. इस वर्ग को खुश करने के लिए ही हिंदुत्व का अपमान भी किया जाता है.