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Tejashwi Yadav On Bihar Violence: बिहार में रामनवमी पर हुए दंगों पर राजनीति चरम पर है. सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. बीजेपी इसे सरकार की असफलता बता रही है, तो सत्तापक्ष वाले इसे बीजेपी की साजिश बताने में लगे हैं. इस बीच डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का बयान भी सामने आ चुका है. तेजस्वी यादव ने भी इसे सुनियोजित साजिश बताया है. उन्होंने कहा, 'बिहार में दंगे भड़काने की ये पूरी तरह से सुनियोजित साजिश है. इसमें शामिल लोगों को कभी बख्शा नहीं दी जाएगी.'
डिप्टी सीएम ने कहा, 'मैं सीएम और डीजीपी से मिला और उन्होंने अपने विचार व्यक्त किए कि जो लोग इसमें शामिल हैं उन्हें बख्शा नहीं जाएगा. सरकार सख्त कार्रवाई करेगी. हम देख रहे हैं कि बिहार को लगातार निशाना बनाया जा रहा है. पहले बिहार को तमिलनाडु के लोगों से लड़ाने की कोशिश की गई और अब ये दंगे. हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे.'
'माकूल जवाब दिया जाएगा'
इससे पहले उन्होंने कहा था कि सौहार्द बिगाड़ने का यह संघी प्रयास है. जिन राज्यों में बीजेपी कमजोर पड़ रही, वहां उसके मन में हताशा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा था, 'बिहार में सद्भाव बिगाड़ने की संघी कोशिश पर बिहार सरकार की पैनी नजर है. जिन राज्यों में बीजेपी कमजोर है, वहां बौखलाई हुई है. एक-एक उपद्रवी को चिन्हित कर कड़ी कार्रवाई की जा रही है. भाईचारे को तोड़ने के किसी भी भाजपाई प्रयोग का हमने हमेशा माकूल जवाब दिया है और देते रहेंगे.'
आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी
बीजेपी के दिग्गज नेता और पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने इसे सोची-समझी साजिश बताया. उन्होंने कहा, 'सासाराम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आने वाले थे. इसके लिए यह सोची समझी साजिश थी. ये नीतीश कुमार और उनकी सरकार की असफलता है.' सुशील मोदी ने कहा, 'अगर नीतीश कुमार और उनकी सरकार में हिम्मत है, तो वह बीजेपी और RSS पर आरोप लगाने के बजाय हिंसा की न्यायिक जांच कराएं.'
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नीतीश-तेजस्वी पर ओवैसी का वार?
AIMIM चीफ ने कहा, 'नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव जानते थे कि यह संवेदनशील इलाका है, फिर भी उन्होंने ऐसा कोई भी सख्त कदम नहीं उठाया जिससे हिंसा न हो.' उन्होंने कहा, 'बिहार में जो हुआ, वहां 100 साल के मदरसे को जलाया गया, मस्जिद तोड़ी गई, ये सरकार की नाकामयाबी है. बिहार सरकार के पास रिपोर्ट थी और 2016 में भी हिंसा हुई थी.' ओवैसी ने आगे कहा, 'नीतीश कुमार को हिंसा को लेकर कोई भी पछतावा नहीं है. इस सबके बावजूद एक इफ्तार पार्टी में गए थे.'