Kartik Purnima 2023 : कार्तिक पूर्णिमा को हिंदू धर्म में एक पवित्र दिन माना जाता है जिसमें देव दीपावली और गुरुनानक जयंती भी मनाई जाती हैं. इस दिन के महत्व को धार्मिक ग्रंथों के आधार पर समझने के लिए जाने जा रहा है.
कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी या कार्तिक पूर्णिमा भी कहा जाता है और इसे बहुत पवित्र माना जाता है. खासकर उत्तर भारत में इस दिन को गंगा स्नान का अत्यधिक महत्व है. नारद पुराण के अनुसार कार्तिक मास की पूर्णिमा को कार्तिकेय का दर्शन करके सभी शत्रुओं पर विजय प्राप्त की जा सकती है. इस दिन प्रदोषकाल में दीप-दान करके 'त्रिपुरोत्सव' का आयोजन किया जाता है जिससे सभी जीवों के लिए सुखदायक होता है. इस दिन दीपक का दर्शन करने से मोक्ष प्राप्त होता है. इस दिन पूर्णिमा के समय छह कृत्तिकाओं की पूजा, खड़्गधारी कार्तिकेय की पूजा और वरुण-अग्नि की पूजा के लिए गन्ध, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, अन्न, फल और शाकों का उपयोग किया जाता है.
इस दिन घरों में दीप-दान करने के लिए एक सुंदर गड्ढा बनाया जाता है और उसे चन्दन और जल से सींचा जाता है. फिर उस गड्ढे में गाय के दूध से भरकर सुवर्णमय मत्स्य डाला जाता है जिसके नेत्र मोती से बने होते हैं. उसके बाद 'महामत्स्याय नमः' मन्त्र का उच्चारण करके मत्स्य की पूजा की जाती है और ब्राह्मण को उस मत्स्य का दान किया जाता है. इसे 'वृषोसर्गव्रत' और 'नक्तव्रत' भी कहा जाता है जो मनुष्य को भगवान विष्णु के समीप आनंदित करता है.
कार्तिक पूर्णिमा को हम गुरुपर्ब के रूप में भी मनाते हैं, क्योंकि इस दिन गुरुनानक जी का जन्म हुआ था. इसे 'देव दीपावली' भी कहा जाता है और लोग इसे धार्मिक भावना और उत्साह के साथ मनाते हैं.