Government Jobs: सरकारी नौकरी के नियमों में बीच में होने वाले बदलाव को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ फैसला लिया है. जिसके तहत अब भर्ती प्रक्रिया के बीच में कोई बदलाव नहीं हो सकता है.
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पटना: सरकारी नौकरियों में भर्ती को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है. इस फैसले के बाद सरकारी नौकरियों में नियुक्ति के लिए भर्ती नियमों में बीच में कोई बदलाव नही किया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने इस मामले पर अपना फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसा तब तक तो बिल्कुल नहीं हो सकता हैं, जब तक ऐसा निर्धारित न हो. भर्ती के बीच नियमों में बदलाव के लिए विशेष रूप से अनुमति लेनी होगी.
दरअसल, कोर्ट इस सवाल पर फैसला सुना रही थी कि क्या राज्य और उसके संस्थान किसी भी बहाली के लिए प्रक्रिया शुरू होने के बाद उसके चयन की प्रक्रिया के नियमों में बदलाव कर सकते हैं. मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने इस मामले पर कहा कि भर्ती प्रक्रिया शुरू होने से पहले तय किए गए नियमों को भर्ती के बीच में नहीं बदला जा सकता. इस पीठ में न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा, न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय, न्यायमूर्ति पंकज मिथल और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे.
न्यायाधीशों की बेंच ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया के शुरुआत में नोटिफाई लिस्ट में रखे जाने वाले एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया को बदलने के लिए भर्ती के नियम और विज्ञापन मौजूदा नियमों के विपरीत न हो. इस दौरान पीठ ने कहा कि पब्लिक सेक्टर रिक्रूटमेंट की पहचान ट्रांसपेरेंसी और गैर-भेदभाव होनी चाहिए. वहीं सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद सबसे बड़ सवाल ये आता है कि बीपीएसीसी ट्री1 और ट्री 2 में हुए नियुक्तियों पर इसका प्रभाव देखने को मिलेगा. दरअसल बिहार में शिक्षक बहाली के समय बीपीएसीसी ने नोटिफिकेशन में दिए नियमों कुछ बदलाव किया था. जिसके बाद कई अभ्यर्थियों को अयोग्य घोषित कर दिया गया था. नियमों में बदलाव के कारण कई अभ्यर्थियों को काफी परेशानियों का भी सामना करना पड़ा था.
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