Gular Health Benefits: अंजीर की तरह दिखने वाले गूलर में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं. गूलर एक नहीं कई बीमारियों को ठीक करने में मददगार है. गूलर के फल में ही नहीं बल्कि इसके छाल, जड़, दूध में भी कई तरह के औषधीय गुण पाए जाते हैं.
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Gular Health Benefits: अंजीर की तरह दिखने वाले गूलर में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं. गूलर एक नहीं कई बीमारियों को ठीक करने में मददगार है. गूलर के फल में ही नहीं बल्कि इसके छाल, जड़, दूध में भी कई तरह के औषधीय गुण पाए जाते हैं. आइए जानते हैं गूलर के लाभकारी गुण-
इन बीमारियों में है लाभकारी
पेट में दर्द - पेट में दर्द और गैस की समस्या होने पर गूलर के फलों का सेवन करने से इन्हें दूर किया जा सकता है.
डायबिटीज में कारगार - डायबिटीज की समस्या को दूर करने करने के लिए गूलर के छीलकों के पाउडर में मिश्री मिलाकर गाय के दूध के साथ सुबह-शाम 6-6 ग्राम खाने से डायबिटीज की दिक्कत खत्म हो जाती है.
आंखों में दर्द - गूलर के दूध का लेप आंखों पर लगाने से आंखों का दर्द दूर होता है.
गर्भवती स्त्री को दस्त होना - गूलर की जड़ के पानी का सेवन करने से गर्भवती स्त्री को होने वाले दस्त की समस्या से निजात मिलता है.
कान का दर्द - कान के दर्द की समस्या होने पर गूलर और कपास के दूध को मिलाकर लगाने पर कान का दर्द ठीक हो जाता है.
बच्चों के गाल पर सूजन - बच्चों के गाल पर सूजन होने पर गूलर का दूध गालों पर लगाने से सूजन की समस्या दूर हो जाती है.
गांठ - शरीर के किसी भी अंग पर गांठ होने पर गूलर का दूध लगाने से गांठ को ठीक किया जा सकता है.
घाव - शरीर की किसी भी अंग पर घाव होने पर गूलर के छाल का इस्तेमाल करने से घाव ठीक किया जा सकता है.
दांत - दांत और मसूड़ों में समस्या होने पर गूलर के छाल के काढ़े से गरारे करने से उन्हें दूर किया जा सकता है.
कैसा होता है गूलर का पेड़?
आयुर्वेदिक ग्रंथों में गूलर का पेड़ हम दुग्ध, जन्तु फल, सदाफल आदि नामों से प्रसिद्ध है. गूलर का पेड़ विशाल और घना होता है. इसकी ऊंचाई लगभग 10 मीटर से 15 मीटर तक हो सकती है. गूलर के पेड़ के तने या किसी भी स्थान पर चीरा लगाने पर सफेद दूध निकलता है. गूलर के पेड़ से निकलने वाले इस दूध को थोड़ी देर रखने पर इसका रंग पीला हो जाता है, इसलिए इसे हेमदुग्धक कहा जाता है. बारह महीने फल देने के कारण गूलर के पेड़ को सदाफल कहते हैं. इसके फल अंजीर की तरह होते हैं. गूलर के फल कच्चे होने पर हल्के हरे रंग के और पकने पर लाल हो जाते हैं. पके हुए फल चमकदार होते है और फलों को काटने पर उसमें कीड़े पाए जाते हैं. गूलर का फूल गूलर के फल के अंदर ही होता है. फल के अंदर रहने वाले गूल के फूल को नर और मादा फूल कहते हैं.
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