टैक्स बचाने के लिए लोग आईटीआर भरते वक्त गलत जानकारियां भी देते हैं. हालांकि, ये कानूनी अपराध है और ऐसा करने पर जेल तक जाना पड़ सकता है. फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण के अनुसार इस वर्ष करीब एक लाख टैक्सपेयर्स को नोटिस भेजा गया है. उनके आईटीआर फाइल में गड़बड़ी पाई गई है.
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Income Tax Return: आईटीआर (ITR) भरने के लिए अब सिर्फ एक सप्ताह का समय बचा है. केंद्र सरकार द्वारा 31 जुलाई 2023 तक का वक्त दिया गया था. इस डेडलाइन में अब महज कुछ ही दिन बचे हैं. तय तिथि के पहले-पहले तक अपना ITR जरूर फाइन कर देना होगा. उसके बाद जुर्माना देना पड़ेगा. हो सकता है कि कानूनी कार्रवाई का भी सामना करना पड़ जाए. विभाग की तरफ से यह भी बताया गया कि इस बार अब तक 80 लाख लोगों को रिफंड जारी किया गया है. सरकार की तरफ से पहले ही साफ किया जा चुका है कि इस बार इनकम टैक्स रिटर्न की अंतिम तिथि में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया जाएगा.
टैक्स बचाने के लिए लोग आईटीआर भरते वक्त गलत जानकारियां भी देते हैं. हालांकि, ये कानूनी अपराध है और ऐसा करने पर जेल तक जाना पड़ सकता है. फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण के अनुसार इस वर्ष करीब एक लाख टैक्सपेयर्स को नोटिस भेजा गया है. उनके आईटीआर फाइल में गड़बड़ी पाई गई है. इनमें से अधिकांश मामलों में टैक्सपेयर्स ने अपनी इनकम छिपाई है या कम बताई है. अब ऐसे लोगों को इस तरह की चालाकी भारी पड़ सकती है. उन पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. क्या आपने भी इस तरह की कोई गलती की है.
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आयकर विभाग के मुताबिक, असेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए अबतक 3 करोड़ से अधिक लोग अपना आईटीआर फाइल कर चुके हैं. पिछले साल की तुलना में इस साल लोग ज्यादा एक्टिव दिखाई दे रहे हैं. विभाग ने बताया कि पिछले साल 25 जुलाई तक 3 करोड़ लोगों ने आईटीआर भरा था. आयकर विभाग के मुताबिक, 91% अधिक दाखिल आईटीआर ई-वेरिफाई किए जा चुके हैं. विभाग ने बताया कि ई-वेरिफाई किए गए आईटीआर में से 1.5 करोड़ से अधिक आईटीआर पहले ही फाइल किए जा चुके हैं.
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आईटीआर को सही तरीके से फाइल करना अहम है, वरना इसके वित्तीय नुकसान हो सकते हैं. टैक्स एक्सपर्ट बताते हैं कि सरकार द्वारा दी गई समयसीमा (31 जुलाई तक) आपको आरटीआई भर देना चाहिए. इस तय तारीख के बाद भी रिटर्न दाखिल किया जा सकता है, लेकिन इसके कुछ नुकसान भी झेलने को पड़ सकते हैं. इसके लिए फाइन भी देना पड़ सकता है. इतना ही नहीं रिमाइंडर के बावजूद टैक्स रिटर्न दाखिल न करने पर आयकर विभाग की ओर से कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है, जिसमें तीन महीने से लेकर 7 साल तक की कैद हो सकती है.