सातवीं कक्षा की अंग्रेजी की परीक्षा में एक सवाल में खाली जगह भरने को कहा गया था तथा समझाने के लिए पहले प्रश्न का उत्तर दिया गया था. सवाल में पूछा गया था कि ”नीचे लिखे देशों” में रहने वालों को क्या कहा जाता है? खाली जगह भरने वाले सवाल कुछ यूं थे.
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पटना : सीमांचल में सरकारी स्कूल के सातवीं क्लास के प्रश्न पत्र में कश्मीर को अलग राष्ट्र को लेकर पूछे गए सवाल पर अब बवाल होने लगा है. बीजेपी लगातार सरकार को टारगेट कर रही है, वही बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर प्रसाद ने कहा कि जो भी किया होगा उस पर करवाई होगी जांच का आदेश दे दिया गया है. डीएम को बोला गया है की कैसे हुआ उसे जांच करके बताए.
क्या है पूरा मामला
बिहार एजुकेशन शिक्षा विभाग के अनुसार कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं, बल्कि एक अलग देश है. बिहार में 7वीं क्लास के स्टूडेंट्स के लिए तैयार किए गए प्रश्न पत्र में एक ऐसा ही सवाल पूछा गया है. परीक्षा के प्रश्न पत्र में चीन, भारत, नेपाल तथा इंग्लैंड के साथ कश्मीर को भी देश माना गया. हालांकि ये मामला एक बार पहले भी साल 2017 में आ चुका है. बिहार शिक्षा विभाग ने एक बार फिर 2017 के प्रश्न पत्र को एक बार फिर साल 2022 में दोहरा दिया. इसके अलावा मुस्लिम इलाके के स्कूल में शुक्रवार को छुट्टी देने के सवाल पर शिक्षामंत्री चंद्रशेखर ने कहा की छुट्टी के मामले में पूरे राज्य में एक ही कानून चलेगा,कोई अलग से छुट्टी नही होगी रविवार को ही सभी स्कूलों में छुट्टी होगी. साथ ही शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रश्न पत्र से संबंधित मामले में अगर कोई गलती भी हुई है तो उसे देखते है.
सवाल में कश्मीर को माना देश
बता दें कि सातवीं कक्षा की अंग्रेजी की परीक्षा में एक सवाल में खाली जगह भरने को कहा गया था तथा समझाने के लिए पहले प्रश्न का उत्तर दिया गया था. सवाल में पूछा गया था कि ”नीचे लिखे देशों” में रहने वालों को क्या कहा जाता है? खाली जगह भरने वाले सवाल कुछ यूं थे-
1. द पीपल ऑफ चाइना आर कॉल्ड द ……..…………
2. द पीपल ऑफ नेपाल आर कॉल्ड द ………………..
3. द पीपल ऑफ इंग्लैंड आर कॉल्ड द ………………..
4. द पीपल ऑफ कश्मीर आर कॉल्ड द ………………..
पहले भी हो चुकी है ऐसी गलती
यह मामला जांच का विषय है. आखिर एक बार फिर वही गलती क्यों हुई जो साल 2017 में हो चुकी है. ये गलती है या फिर कोई साजिश है. इस साजिश के पीछे किसका हाथ है, वैसे पदाधिकारियों को चिन्हित कर कार्रवाई करने की जरूरत है. साथ ही बिहार शिक्षा मंत्री सहित शिक्षा विभाग के अधिकारियों को देश की जनता से माफी मांगने की जरूरत है. हालांकि ऐसे सवाल पहले भी पूछा गया था.
इनपुट -रूपेंद्र श्रीवास्तव
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