मनीष कश्यप मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज बड़ी सुनवाई, NSA के खिलाफ खटखटाया था SC का दरवाजा
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मनीष कश्यप मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज बड़ी सुनवाई, NSA के खिलाफ खटखटाया था SC का दरवाजा

Manish Kashyap: सोमवार यानी आज जेल में बंद यूट्यूबर (YouTuber) मनीष कश्यप की याचिका पर आज बड़ी सुनवाई होने वाली है. सुप्रीम कोर्ट में आज इस मामले में सुनवाई होने वाली है.

मनीष कश्यप मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज बड़ी सुनवाई, NSA के खिलाफ खटखटाया था SC का दरवाजा

पटना: Manish Kashyap: सोमवार यानी आज जेल में बंद यूट्यूबर (YouTuber) मनीष कश्यप की याचिका पर आज बड़ी सुनवाई होने वाली है. सुप्रीम कोर्ट में आज इस मामले में सुनवाई होने वाली है. दरअसल, तमिलनाडु में प्रवासी मजदूरों के फर्जी वीडियो प्रसारित करने के आरोप में मनीष कश्यप के खिलाफ कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) को लागू किया गया है. मनीष कश्यप की याचिका पर भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की पीठ सुनवाई कर सकती है, जिसे बिहार में 18 मार्च को जगदीशपुर पुलिस स्टेशन में आत्मसमर्पण करने के बाद गिरफ्तार किया गया था.

इसके बाद मनीष कश्यप को तमिलनाडु लाया गया था, जहां अप्रैल में मनीष कश्यप के ऊपर एनएसए लगा दिया गया था. इस मामले में मनीष कश्यप के खिलाफ तमिलनाडु में छह और बिहार में तीन केस दर्ज हैं. तमिलनाडु सरकार ने कश्यप की याचिका के जवाब में कहा है कि राज्य में यूट्यूबर के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी किसी भी राजनीति से प्रेरित नहीं हैं, बल्कि ये इसलिए दर्ज की गई है, क्योंकि प्रवासी मजदूरों के फर्जी वीडियो प्रसारित करके उसने सार्वजनिक व्यवस्था और राष्ट्रीय अखंडता को भंग करने का काम किया है.

राज्य सरकार ने एक हलफनामे में कश्यप की उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को एक ही जगह क्लब करने की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि संवैधानिक अधिकारों की आढ़ में आरोपी शरण नहीं ले सकता है.तमिलनाडू सरकार ने ये दावा किया है कि कश्यप ने  झूठे और असत्यापित वीडियो के जरीए बिहारी प्रवासी मजदूरों और तमिलनाडु के लोगों के बीच हिंसा भड़काने का काम किया है. " उसके खिलाफ किसी राजनीतिक इरादे से प्राथमिकी दर्ज नहीं किया गया था, न ही अभियुक्तों के संवैधानिक अधिकारों को दबाने के लिए ये प्राथमिकी दर्ज किया गया है. बल्कि गलत सूचना के प्रसार को रोकने और ये सुनिश्चित करने के इरादे से केस दर्ज किया गया था कि ऐसे अपराधों का दोषी कानून की चंगुल से बचकर न निकल जाए.

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