Patliputra Sports Complex: पराज्य सरकार मेडल लाओ नौकरी पाओ स्कीम के तहत युवाओं को खेल के प्रति जागरूक कर रही है, लेकिन सुविधा अभाव में युवा जैसे तैसे प्रैक्टिस कर खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं. इसका ताजा उदाहरण पटना के पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में देखने को मिला.
बिहार की राजधानी पटना के पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कांप्लेक्स के अंदर कई खेलों के लिए राष्ट्रीय स्तर की ग्राउंड की व्यवस्था की गई है. कई कई खेलों के लिए ग्राउंड बनाने का ऐलान करने के बावजूद भी ग्राउंड का निर्माण नहीं कराया जा सका है.
पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कंपलेक्स परिसर के बगल में तीरंदाजी की प्रैक्टिस करने को लेकर भूमि अलॉटमेंट कर दिया गया है, लेकिन कई महीने बीत जाने के बाद भी उस पर काम शुरू नहीं हो सका है. बरसात के समय में घुटने तक पानी में खड़े होकर खिलाड़ी प्रैक्टिस करते हैं जगह-जगह ईंट बिखरे हुए हैं और बड़े-बड़े गड्ढे और घास भी उग आए हैं.
राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व कर चुके खिलाड़ी इस ग्राउंड में प्रैक्टिस करते हैं. खिलाड़ियों ने कहा कि हम लोगों को प्रैक्टिस करने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जब बरसात में घुटने तक पानी भर जाता है और कीड़े पैर पर चढ़ने रहते हैं और उसमें खिलाड़ी प्रैक्टिस करते हैं.
इस मैदान में लगभग 40 खिलाड़ी प्रैक्टिस करते हैं. जिसमें ओलंपिक पैरालंपिक सहित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पटल पर जाने की क्षमता रखने वाले खिलाड़ी सुविधा के अभाव में किसी तरह अपने प्रैक्टिस को धारदार बना रहे हैं.
खिलाड़ियों ने कहा कि खेल विभाग और सरकार को इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. सरकार अगर हमें सहयोग करती है तो बिहार और देश के लिए कई गोल्ड मेडल यहां के खिलाड़ी लाकर दिखाएंगे.
पैरालंपिक का सपना देख रहे खिलाड़ी अर्जुन पांडे ने कहा कि वह प्रतिदिन 30 किलोमीटर दूरी तय कर यहां प्रेक्टिस करने आते हैं. यहां ना तो ग्राउंड सही है और ना ही उपयुक्त इक्विपमेंट की व्यवस्था हैं. गिफ्ट के तौर पर उन्हें इक्विपमेंट मिला है उसी से वह प्रैक्टिस करते हैं. इक्विपमेंट इतनी महंगी आती है कि हम लोग उसे खरीद नहीं सकते हैं.
अर्जुन पांडे ने बताया कि वह एक पैर से दिव्यांग है और उनके जैसे दो और खिलाड़ी यहां प्रैक्टिस करते हैं. खेल विभाग और संबंधित अधिकारी से वह विनती और निवेदन करते हैं कि स्पोर्ट्स कांप्लेक्स के अंदर बने परिसर में ही उन्हें रहने की व्यवस्था की जाए ताकि वह अपने प्रैक्टिस को और धारदार बना सके.
रिपोर्ट: सन्नी कुमार
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