Rudraksha Benefits: नौ मुखी रुद्राक्ष नौ देवियों का प्रतीक है. समाज में मान सम्मान ऊर्जा शक्ति साहस और निडरता प्राप्त करने के लिए नौ मुखी रुद्राक्ष का इस्तेमाल होता है. इसका मुख्य मंत्र 'ॐ ही. हूं नमः' है.
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पटनाः Rudraksha Benefits: रुद्राक्ष दो शब्दों रूद्र और अक्ष को जोड़कर बना है. जिसका मतलब है रूद्र के आंसुओं से उत्पन्न. मतलब एक ऐसी शक्तिपुंज जिसमें रूद्र की शक्तियां समाहित हो. आदिकाल से रुद्राक्ष का प्रयोग ग्रहों की शांति के लिए आध्यात्मिक लाभ के लिए और अपनी सुरक्षा के लिए किया जाता रहा है. कहा जाता है कि रुद्राक्ष 21 मुखी तक होता है. इनमें से 12 प्रकार के रुद्राक्ष सबसे ज्यादा प्रयोग में लाए जाते हैं. हालांकि हर रुद्राक्ष की अपनी एक अलग महिमा और इनका अलग देवताओं के साथ संबंध है. आज इस लेख में हम 4 रुद्राक्ष के बारे में जानेंगे.
नौ मुखी रुद्राक्ष :- इस तरह का रुद्राक्ष नौ देवियों का प्रतीक है. समाज में मान सम्मान ऊर्जा शक्ति साहस और निडरता प्राप्त करने के लिए नौ मुखी रुद्राक्ष का इस्तेमाल होता है. इसका मुख्य मंत्र 'ॐ ही. हूं नमः' है.
दस मुखी रुद्राक्ष :- इस तरह का रुद्राक्ष भगवान जनार्दन यानी भगवान विष्णु का प्रतीक है. इसे धारण करने के बाद सभी ग्रह से जुड़ जाते हैं. यह इसे पहनने वाले व्यक्ति को निडरता प्रदान करता है. यह उसे नकारात्मक ऊर्जा से बचाता है. यह वास्तु के अनुसार बुरी नजर से उसकी रक्षा करता है. इसको धारण करने से यह कानूनी मामलों में भी फायदा देता है. इसका मुख्य मंत्र 'ॐ ह्रीः नमः' है.
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष:- यह रुद्राक्ष खुद भगवान रुद्र का प्रतीक है. जो इसे अपने मुकुट में धारण करते हैं. वह व्यक्ति जो से धारण करता है अपने जीवन के हर कदम पर सफलता प्राप्त करता है. यह आपके आत्मसम्मान को बढ़ा देता है. यह किसी व्यक्ति को फैसला लेने की शक्ति उसका सामर्थ और अपने गुस्से पर काबू करने की क्षमता को भी बढ़ा देता है. इसके साथ ही जब आप भ्रमण कर रहे होते हैं तो यह हर तरह की नकारात्मक ऊर्जा से आपकी रक्षा करता है. भगवान हनुमान मंगल ग्रह एवं मेष और वृश्चिक राशि इससे जुड़ी होती है. इसका मुख्य मंत्र 'ॐ ही हूं नमः' है.
बारह मुखी रुद्राक्ष:- इस तरह के रुद्राक्ष को कान में धारण करने से यह बहुत ही पवित्र माना जाता है. यह आपकी जिंदगी में समृद्धि धन और प्रसन्नता लाता है. यह आपके नाम के यश कीर्ति और सफलता को बढ़ा देता है. यदि आप इसे अपने बालों में धारण करते हैं तो यह प्रशासनिक रणनीतियां नेतृत्व की क्षमता आदि को भी बढ़ा देता है. सूर्य भगवान सूर्य ग्रह और सिंह राशि से जुड़े होते हैं. इसका मुख्य मंत्र 'ॐ क्रों क्षों रौ नमः' है.
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