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Mid Day Meal: पूरे देश में सरकारी स्कूलों मे मध्याह्न भोजन की व्यवस्था छात्रों के लिए की जाती है लेकिन बिहार में इस मिड-डे-मील में भ्रष्टाचार पूरे देश के मुकाबले सबसे ज्यादा है. आपको बता दें कि बिहार में मिड-डे-मील में कभी कीड़े, कभी छिपकली और कभी सांप का मिलना तो आम समस्या है. मतलब भोजन के नाम पर बच्चों को जहर परोसा जा रहा है और यही वजह है कि लगातार बच्चों के बीमार होने और उसके बाद अस्पताल तक पहुंच जाने की खबरें सुर्खियों में रही है. बड़ी संख्या में स्कूल में इन जहरीले खाने की वजह से बच्चों की मौत भी हो चुकी है. कुछ दिन पहले बिहार के एक स्कूल के मध्याह्न भोजन में सांप मरा हुआ मिला इसके बाद दूसरे स्कूल में खाने में छिपकली मरी हुई मिली. ऐसे में सवाल उठने लगे कि आखिर इसको लेकर प्रशासन कितना सक्रिय है. बच्चों की जान के साथ ऐसा खेल कैसे खेला जा रहा है.
ऐसे में अब जब सवाल उठना शुरू हुआ तो इसमें अधिकारियों की लापरवाही सामने आई. वह तो पहले से भी साफ है कि बिना अधिकारियों की लापरवाही के ऐसा कुछ होना संभव ही नहीं है. आपको बता दें कि केवल मिड-डे-मील के लिए अलग से अधिकारियों की तैनाती की गई है. फिर भी इस तरह की खबरें सवाल तो कई खड़े कर रहे हैं.
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ऐसे में राज्य भर में जो अधिकारी जिसे प्रखंड साधन सेवी (बीआरपी) कहते हैं. जिनके ऊपर मध्याह्न भोजन को जांचने का जिम्मा है. 38 जिलों के इन सबी अधिकारियों पर एक साथ कार्रवाई की गई है. इन बीआरपी पर आरोप है कि उन्होंने किसी भी विद्यालय के मध्याह्न भोजन की जांच की ही नहीं. जबकि 26 जिले ऐसे हैं जिनके बीआरपी ने आधी-अधूरी जांच की. ऐसे में मध्याह्न भोजन निदेशासलय की तरफ से 13 जिलों के बीआरपी की वेतन में कटौती का आदेश दिया गया वहीं 26 जिलों के बीआरपी पर एक हजार की कटौती का आदेश मिला है. इसके साथ ही उन्हें अपने काम को पूरी मुस्तैदी से करने की चेतावनी भी जारी की गई है.
ऐसे में अब सभी बीआरपी को निर्देश है कि सभी स्कूलों के मध्याह्न भोजन की रिपोर्ट जैसे बच्चों का किस मात्रा में और कितना भोजन मिल रहा है. खाने की गुणवत्ता कैसी है, खाना कैसे परोसा जा रहा है. इन सब बातों की जांच कर टैब पर जो लिंक हैं उसमें अपलोड करना अनिवार्य कर दिया गया है.
वहीं स्कूलों मे शिक्षकों के पढ़ाने की भी निगरानी अब होगी. बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की तरफ से यह निर्देश जारी किया गया है. उन्होंने साफ कर दिया की गर्मी की छुट्टी के बाद जैसे ही स्कूल खुलते हैं सभी स्कूलों के नियमिल निरीक्षण को सुनिश्चित किया जाए.