Bihar Politics:बीते दिन विभाग बदलने के बाद मंत्री कार्तिक कुमार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. अब कार्तिक कुमार बिहार कैबिनेट के सदस्य नहीं रहे. जिसके बाद पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने महागठबंधन सरकार पर तंज कसा है कहा- अभी और विकेट गिरेंगे.
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पटनाः वारंट को लेकर विवादों में घिरे आरजेडी एमएलसी कार्तिक कुमार का विभाग आखिरकार बुधवार को बदल दिया गया. विधि विभाग से हटाकर उन्हें अब गन्ना उद्योग मंत्री बनाया गया है. जिसके बाद उन्होंने बीती रात को ही गन्ना उद्योग मंत्री से भी अपना इस्तीफा दे दिया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया और राज्यपाल फागू चौहान को अपनी अनुशंसा भेजी है. अब कार्तिक कुमार बिहार कैबिनेट के सदस्य नहीं रहे. जिसके बाद अब गन्ना उद्योग विभाग का अतिरिक्त प्रभार राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता को दिया गया है.
कार्तिक के इस्तीफे से राजद की छवि बदलने की मुहिम
अब कार्तिक कुमार के इस्तीफे को राजद की छवि बदलने की मुहिम से जोड़कर देखा जा रहा है. सरकार बनने के बाद से ही भाजपा ने कार्तिक कुमार, सुधाकर सिंह, सुरेंद्र यादव, रामानंद यादव के मंत्री बनाए जाने को लेकर सवाल उठाए हैं. 16 अगस्त को कार्तिक कुमार के द्वारा मंत्री पद की शपथ लेने के बाद से ही पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा के सदस्य सुशील मोदी ने उन्हें घेरा है. उन्होंने कहा था कि फिर लौटा लालू राज.
'अभी तो पहला विकेट गिरा'
वहीं कार्तिक कुमार के इस्तीफे के बाद सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा कि अभी तो पहला विकेट गिरा है. उन्होंने कहा, नीतीश कुमार पहले ओवर में ही क्लीन बोल्ड हो गए. अभी तो कार्तिक कुमार का पहला विकेट गिरा है. अभी और कई विकेट गिरेंगे. वहीं उन्होंने आगे कहा कि कार्तिक कुमार को मंत्री पद से हटाया अब कह रहे हैं कि हमने उदाहरण पेश किया है. कोई शौक से इस्तीफा नहीं दिया है, मजबूरी में इस्तीफा देना पड़ा है. नीतीश जी कह रहे थे कि मैं लूम नहीं है. मंत्री बनाने के पहले रिपोर्ट आती है, सब मालूम था लेकिन लालू जी के दबाव में यह कदम नीतीश जी को उठाना पड़ा.
वहीं सुशील कुमार आगे बोले कि 'जब हमने आवाज उठाई तो लालू जी ने कहा कि मोदी झूठा है. अब मामला सामने है, बेइज्जती हो रही है. अगर पहले ही यह कदम उठाया तो आज यह स्थिति नहीं होती. यह तो अभी पहला विकेट गिरा है, आगे और भी विकेट गिरेगा केसीआर और नीतीश कुमार का मिलन दो दिवा स्वप्न देखने वालों का मिलन था. भरी सभा में जब केसीआर ने नीतीश जी को उम्मीदवार मानने से मना कर दिया तो आगे कौन मानेगा. जिस तरह की तस्वीर देखने को मिली है. यह अपने आप में सब कुछ बयान करता है. ये सब चले हैं नरेंद्र मोदी का मुकाबला करने, दिवास्वप्न देखने वाले लोग हैं'
(इनपुट -रजनीश)
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