'भारतीय रिजर्व बैंक' (RBI) ने 19 मई को 2000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने का ऐलान किया है. आरबीआई की तरफ से 2,000 के नोटों को बदलने के लिए 30 सितंबर तक का वक्त दिया गया है.
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Chirag Paswan On 2000 Rupees Note: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से 2,000 रुपये के नोट को बैन करने के ऐलान के बाद से राजनीति चरम पर है. विपक्ष जहां इसे फिर से जनता को परेशान करने का काम बता रहा है, वहीं सत्तापक्ष के लोग इसे बेहतरीन फैसला बताने में लगे हैं. अब इस पर लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान की प्रतिक्रिया भी सामने आ चुकी है. चिराग ने इस फैसले पर सरकार का समर्थन किया है. चिराग ने कहा कि नोटबंदी का फैसला राष्ट्रीय स्तर पर लिया गया फैसला है जो पहले ही ले लेना चाहिए था.
उन्होंने कहा कि जब बड़ी करेंसी (बड़े नोट) मार्केट में रहते हैं तो इनको इकठ्ठा करके रखना काफी आसान हो जाता है. जिससे असामाजिक तत्वों को बल मिलता है और अपराधिक गतिविधियां बढ़ जाती हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर जो देश में आतंकवादियों से लड़ाई लड़ने का प्रयास कर रहे है. चिराग ने कहा कि 2,000 रुपये के नोट बंद होने के बाद विपक्ष में तर्क–वितर्क होते रहते हैं लेकिन उससे कोई फर्क नहीं पड़ता. सत्ता या विपक्ष के लोगों की सोच एक दिशा में होनी चाहिए कैसे तेज गति से आय को बढ़ाया जाए. लोगों के हाथ में पैसा तब आएगा जब आपके हाथ को काम मिलेगा.
शाहनवाज हुसैन का विपक्ष पर वार
उधर बीजेपी के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि हंगामा करने वाले वही लोग हैं जिनके पास 2000 के नोटों का बंडल है और उनके पास उनका कोई हिसाब-किताब नहीं है. शहनवाज हुसैन ने अपने जेब में रखे हुए 2000 के एक नोट को निकाल कर कहा कि मेरे पास 2000 के एक या दो नोट है जिसे में आसानी से बदल लूंगा लेकिन जिनके पास जिनके पास बक्से में नोट भरे पड़े हैं उन्हें परेशानी होगी. बीजेपी नेता ने कांग्रेस पर लूट के लिए छूट देने का भी आरोप लगाया.
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कांग्रेस ने पीएम मोदी पर साधा निशाना
उधर इस फैसले पर कांग्रेस ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है. बिहार कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने कहा कि आरबीआई के जरिए केंद्र सरकार ने 2,000 के नोटों पर पाबंदी लगाने का फैसला लिया है. उन्होंने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फैसला बताया. राजेश राठौड़ ने कहा कि हमारे नेता राहुल गांधी ने बार-बार 2,000 के नोट का विरोध कर रहे थे. राहुल गांधी ने कहा था कि यह कालाधन व जमाखोरों के लिए वरदान है लेकिन सरकार नहीं मानी थी. उन्होंने कहा कि कर्नाटक चुनाव में मिली करारी हार से तिलमिलाए प्रधानमंत्री ने यह फैसला लेकर आम लोगों को मुसीबत में डालने का काम किया है.