Reservation for SC/ST: कैबिनेट ने 8 अक्टूबर को हुई बैठक में एससी-एसटी का आरक्षण बढ़ाने के लिए औपचारिक सहमति दी थी. इसके बाद आज कैबिनेट ने अध्यादेश को मंजूर कर दिया.
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पटना: Reservation for SC/ST: कर्नाटक सरकार ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण बढ़ाने के अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. इसकी जानकारी खुद मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने ट्वीट कर दी. उन्होंने लिखा, 'आज मेरे मंत्रिमंडल ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति समुदाय के मेरे भाइयों और बहनों के लिए आरक्षण बढ़ाने संबंधी अध्यादेश को मंजूरी देने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है.'
बसवराज बोम्मई ने अगले ट्वीट में लिखा, 'अनुसूचित जाति के लिए 15 प्रतिशत से 17 फीसदी और अनुसूचित जनजाति के लिए 3% से 7% तक आरक्षण बढ़ाया गया है. यह ऐतिहासिक निर्णय उनके जीवन में प्रकाश और चमक लाएगा और शिक्षा और रोजगार में पर्याप्त अवसर प्रदान करके उनका उत्थान करेगा.'
from 15% to 17% and 3% to 7%. This historic decision will bring light and shine into their lives and uplift them by providing adequate opportunity in education and employment.
2/2— Basavaraj S Bommai (@BSBommai) October 20, 2022
जानकारी के अनुसार, बोम्मई कैबिनेट ने 8 अक्टूबर को हुई बैठक में एससी-एसटी का आरक्षण बढ़ाने के लिए औपचारिक सहमति दी थी. इसके बाद आज कैबिनेट ने अध्यादेश को मंजूर कर दिया. अब अध्यादेश को राज्यपाल के पास से मंजूरी मिलने बाद जारी कर दिया जाएगा.
बता दें कि कर्नाटक सरकार के इस निर्णय के बाद राज्य में आरक्षण की सीमा 56 फीसदी तक चली जाएगी जो कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की गई 50 प्रतिशत सीमा से ऊपर है. इसको लेकर राज्य सरकार आने वाले दिनों में इसे कानूनी संरक्षण देने के लिए संविधान की 9वीं अनुसूची के तहत कोटा वृद्धि लाने की सिफारिश करेगी.
गौरतलब है कि जुलाई 2020 में जस्टिस एचएन. नागमोहन दास आयोग ने बोम्मई सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें एससी आरक्षण 15 फीसदी से बढ़ाकर 17 फीसदी और एसटी आरक्षण 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 7 प्रतिशत करने की सिफारिश की थी. इसी आधार पर सरकार ने ये फैसला किया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2015 में कर्नाटक में जाति जनगणना के नाम पर सर्वे कराया गया था, उस रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया था लेकिन उसकी लीक कॉपी से इस बात का स्पष्ट अनुमान लग गया था कि एससी-एसटी समुदाय की कुल आबादी 31 प्रतिशत के करीब है.
वहीं, राज्य में 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं. राजनीतिक जानकार बोम्मई सरकार के इस फैसले को चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं. अगर राज्य सरकार इस निर्णय को लागू करने में सफल होती है तो इसका सीधा लाभ चुनाव में बीजेपी को मिल सकता है.
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