Jharia Assembly Seat: झरिया में देवरानी-जेठानी की टक्कर में किसकी होगी जीत, देखें क्या हैं सियासी मुद्दे?
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar2489584

Jharia Assembly Seat: झरिया में देवरानी-जेठानी की टक्कर में किसकी होगी जीत, देखें क्या हैं सियासी मुद्दे?

Jharia Vidhan Sabha Seat: झरिया सीट पर धनबाद के सबसे पावरफुल सियासी खानदान सूर्यदेव सिंह के परिवार की दो बहुएं आमने-सामने हैं. वहीं जेएलकेएम भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहा है.

झरिया विधानसभा सीट,

Jharia Assembly Seat Profile: झारखंड के धनबाद जिले की झरिया विधानसभा सीट का चुनावी कुरुक्षेत्र फिर से सज गया है और इस बार के चुनाव में भी 2019 वाली लड़ाई का ही रीकैप है. यहां एक बार फिर से जेठानी-देवरानी के बीच जंग देखने को मिलने वाली है. कोयलांचल की झरिया सीट पर एक ही परिवार की दो बहुओं की चुनावी फाइट है. यहां धनबाद के सबसे पावरफुल सियासी खानदान सूर्यदेव सिंह के परिवार की दो बहुएं आमने-सामने हैं. मौजूदा विधायक पूर्णिमा सिंह को कांग्रेस ने एक बार फिर से मैदान में उतारा है. वहीं उनके सामने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने उनकी ही देवरानी रागिनी सिंह को उतारा है.  2019 में पूर्णिमा सिंह ने अपनी जेठानी को 12,000 से अधिक मतों से जीत दर्ज की थी. वहीं इस बार पूर्णिमा सिंह की देवरानी और बीजेपी प्रत्याशी रागिनी सिंह को जीत की उम्मीद है. रागिनी सिंह ने पूर्णिमा सिंह से पिछले 5 वर्षों का हिसाब मांगा और दावा किया कि इस बार का चुनाव झरिया की जनता स्वयं लड़ रही है.

रागिनी सिंह का कहना है कि भाजपा या मेरा परिवार है और इस परिवार ने पिछले 25 वर्षों में झरिया में विकास कार्य किए हैं. उनमें से 1% भी कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में नहीं किया. वहीं इस पर कांग्रेस प्रत्याशी पूर्णिमा नीरज सिंह ने पलटवार करते हुए रागिनी सिंह से उनके पिछले 15 वर्षों का हिसाब मांगा है. पूर्णिमा का कहना है कि जो लोग घर बैठकर राजनीति करते थे, वे अब जनता के बीच आ रहे हैं, जबकि उनके पति नीरज सिंह ने जनता के बीच रहकर उनका समर्थन अर्जित किया था. पूर्णिमा का दावा है कि उन्होंने अपने 80% चुनावी वादों को पूरा किया है और आगामी कार्यकाल में शेष वादों को भी पूरा करने का संकल्प लिया है.

ये भी पढ़ें- हेमंत सोरेन के खिलाफ BJP ने उतारा अपना कैंडिडेट, जानें कौन हैं गमालियल हेम्ब्रम?

उधर जेएलकेएम भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहा है. इससे मुकाबला त्रिकोणीय होता नजर आ रहा है. यहां के लोगों के लिए रोजगार, सड़क, पानी और बुनियादी सुविधाएं मुख्य चुनावी मुद्दे बने हुए हैं. कुछ लोग कांग्रेस के विकास कार्यों से खुश हैं, तो कुछ भाजपा की नीतियों को समर्थन दे रहे हैं. वहीं, जेएलकेएम के उभरते हुए प्रभाव को भी नकारा नहीं जा सकता. कुल मिलाकर झरिया की चुनावी तस्वीर बहुत ही पेचीदा है, और मतदाताओं का रुख अंतिम समय में ही स्पष्ट हो पाएगा.

बिहार-झारखंड की नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहां पढ़ें Bihar-Jharkhand News in Hindi और पाएं Bihar-Jharkhand latest news in hindi हर पल की जानकारी. बिहार-झारखंड की हर खबर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार. जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!

Trending news