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Niti Ayog: बिहार के रास्ते केंद्र की सत्ता पर काबिज होने की कोशिश में लगे विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए आगे आए नीतीश कुमार इन दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर कार्यक्रम से कन्नी काटने लगे हैं. जहां एक तरफ नई संसद भवन के उद्घाटन के कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बनने का विपक्ष के 19 दलों के साथ मिलकर नीतीश की पार्टी ने भी समर्थन किया और उस कार्यक्रम से दूरी बना ली, वहीं दूसरी तरफ अब नीतीश कुमार केंद्र सरकार के एक और कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बनने को लेकर स्थिति साफ कर चुके हैं.
दरअसल नई संसद भवन के उद्घाटन के विरोध में जहां नीतीश कुमार की पार्टी जदयू समेत 20 दलों के नेता इसमें शामिल नहीं होंगे. वहीं अब नीतीश कुमार विपक्षी एकता के सुर में सुर मिलाने के लिए अब छाप नीति आयोग की बैठक में भी नजर नहीं आएंगे. मतलब साफ है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता को लेकर नीतीश इतने सजग हो गए हैं कि वह हर विपक्षी दल के सुर में सुर मिलाते नजर आ रहे हैं. वह नीति आयोग की बैठक में शामिल होने से इनकार कर चुके हैं.
बता दें कि इस कार्क्रम का हिस्सा नहीं बनने की घोषणा विपक्षी दलों की तरफ से पहले ही पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ पंजाब सीएम भगवंत मान कर चुके हैं अब इसमें नीतीश कुमार का नाम भी जुड़ गया है. उन्होंने भी इस बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया है. बता दें कि इस बैठक की अध्यक्षता पीएम नरेंद्र मोदी को करनी है.
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बैठक नीति आयोग की संचालन परिषद् की होनी जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को करनी है. इसमें सभी सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री को शामिल होने का निमंत्रण मिला है. ऐसे में नीतीश कुमार ने इस बैठक से अलग रहने का मन बना लिया है हालांकि इसके पीछे की वजह नहीं पता चल पा रही है कि सुशासन बाबू इस बैठक से खुद को अलग क्यों रख रहे हैं.
बैठक 27 मई को होना है जिसका विषय है विकसित भारत @2047: टीम इंडिया की भूमिका. यहां देश के आनेवाले 25 सालों के विकास के रोडमैप पर बात होनी है. इससे पहले ही नीतीश कुमार की तरफ से इस बैठक से दूर रहने की बात सामने आ रही है. इस बैठक में चर्चा के लिए 8 मुद्दे निर्धारित किए गए हैं. जिसमें 2024 के विकसित भारत, एमएसएमई, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य और पोषण के साथ कई और मामलों को चुना गया है.