दशहरा के बाद झारखंड में चुनावी हलचल तेज, चुनावी रणनीतियों में जुटे दल
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दशहरा के बाद झारखंड में चुनावी हलचल तेज, चुनावी रणनीतियों में जुटे दल

Jharkhand News: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चुनावी प्रचार शुरू कर दिया है. वे अपनी सरकार की उपलब्धियों को बताते हुए विपक्षी दलों के दावों को भी चुनौती दे रहे हैं. सभी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं की सक्रियता इस बात का संकेत है कि आगामी विधानसभा चुनाव में मुकाबला बहुत दिलचस्प होगा.

 

दशहरा के बाद झारखंड में चुनावी हलचल तेज, चुनावी रणनीतियों में जुटे दल

रांची : दशहरा खत्म होते ही झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनावों पर सभी राजनीतिक दलों की नजरें टिक गई हैं. सभी पार्टियां आगामी चुनाव के लिए अपनी-अपनी रणनीतियां बनाने में जुट गई हैं. एक तरफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) चुनाव प्रबंधन समिति की बैठक में जीत की योजना तैयार करने जा रही है. वहीं, कांग्रेस और झामुमो भी अपनी तैयारियों में सक्रिय हैं.

झामुमो के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने इस विषय पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनकी पार्टी निश्चित रूप से चुनाव में अच्छी तैयारी कर रही है. उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी का प्रबंधन हमेशा अच्छा रहता है और वे चीजों को बढ़ा-चढ़ा कर पेश करते हैं. लेकिन, उनके पास यह जानकारी भी है कि असली स्थिति क्या है. भट्टाचार्य ने बताया कि बीजेपी की पैकेजिंग अच्छी होती है, लेकिन वे इसके कमजोर पक्ष को पहचानने में सक्षम हैं. उन्होंने अपने कमिटमेंट को मजबूती से पेश करते हुए कहा कि उनकी पार्टी का प्रबंधन बीजेपी के प्रबंधन को जवाब देगा.

वहीं, भाजपा के राज्यसभा सांसद प्रदीप वर्मा ने कहा कि भाजपा अपनी विशेष कार्य पद्धति के लिए जानी जाती है. उन्होंने बताया कि उनकी पार्टी में चुनाव प्रबंधन का बड़ा महत्व है. जब भी चुनाव हुए हैं, भाजपा का चुनाव प्रबंधन हमेशा प्रभावी रहा है. चुनाव प्रबंधन के तहत चुनावी रणनीतियां बनाई जाती हैं, जिससे पार्टी को चुनावों में सफलता प्राप्त होती है. साथ ही झारखंड में चुनावी माहौल धीरे-धीरे गरमाता जा रहा है. सभी दल अपनी ताकत को बढ़ाने के लिए नए तरीके अपनाने की कोशिश कर रहे हैं. बीजेपी अपनी चुनावी रणनीति को प्रभावी बनाने के लिए पूर्व अनुभवों का उपयोग करने में जुटी है. वहीं, कांग्रेस और झामुमो भी अपनी योजनाओं को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं.

राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि इस बार के विधानसभा चुनाव में सभी पार्टियों को अपनी रणनीतियों में और अधिक पारदर्शिता लानी होगी. क्योंकि, पिछले चुनावों में कई मुद्दों को लेकर मतदाता काफी जागरूक हो चुके हैं और वे अपने वोट देने में अब ज्यादा सतर्क हैं. ऐसे में हर पार्टी को अपनी बात प्रभावी तरीके से पेश करनी होगी ताकि वे मतदाताओं का विश्वास जीत सकें. साथ ही इस बीच, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी चुनावी प्रचार शुरू कर दिया है. वे अपनी सरकार की उपलब्धियों को बताने के साथ-साथ विपक्षी दलों के दावों को भी चुनौती दे रहे हैं. सभी पार्टियों के नेताओं की सक्रियता इस बात का संकेत है कि आगामी विधानसभा चुनाव में मुकाबला काफी दिलचस्प होने वाला है. सभी राजनीतिक दल अब मतदाताओं के बीच अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बना रहे हैं, ताकि चुनावी माहौल में अपनी स्थिति को मजबूत किया जा सके.

इनपुट - तनय खंडेलवाल

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