मनीष कश्यप पर सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने का आरोप लगाया गया है. उसने 18 मार्च को आत्मसमपर्ण किया था. तब से वह न्यायिक हिरासत में है.
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Manish Kashyap Bail Plea: मनीष कश्यप का केस अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है. बिहार के यूट्यूबर को जमानत मिलेगा या नहीं, इस पर आज फैसला हो सकता है. यूट्यूबर ने अपनी याचिका में सभी मामलों को एक साथ मर्ज करने की और जमानत देने अपील की है. इससे पहले 10 अप्रैल को इस मामले की सुनवाई टल गई थी. आज यानी 11 अप्रैल को इसी याचिका पर सुनवाई हो सकती है.
मनीष पर बिहार में तीन और तमिलनाडु में दो प्राथमिकी शामिल है. इन मामलों में जमानत लेने और अलग-अलग राज्यों में दर्ज केसों की सुनवाई एक जगह करने की याचिका लागई थी. न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ इस मामले की सुनवाई सोमवार को नहीं कर सकी, क्योंकि भोजनावकाश के बाद यह नहीं बैठ सकी.
बिहार-तमिलनाडु में दर्ज हैं कई मुकदमें
इससे पहले उसके वकील ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के समक्ष इस मामले को उल्लेखित किया था. हालांकि, सीजेआई ने तत्काल राहत देने से इनकार कर दिया था. बता दें कि मनीष पर तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मजदूरों पर हमले के फर्जी वीडियो वायरल करने के आरोप है. इसी केस में उन पर बिहार और तमिलनाडु में मुकदमा दर्ज हैं.
तमिलनाडु में बंद है यूट्यूबर
उस पर सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने का आरोप लगाया गया है. उसने 18 मार्च को आत्मसमपर्ण किया था. तब से वह न्यायिक हिरासत में है. इस वक्त वह तमिलनाडु पुलिस की हिरासत में है. तमिलनाडु पुलिस ने उन पर एनएसए लगाया है. इस कानून को उस व्यक्ति के खिलाफ इस्तेमाल किया जाता है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करता है. इस कानून के तहत आरोपी को 12 महीने तक हिरासत में रखने का प्रावधान है.