मनीष कश्यप को तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मजदूरों पर हमले के फर्जी वीडियो वायरल करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. वह इस समय तमिलनाडु की जेल में बंद है.
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Manish Kashyap Case: बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज यानी 10 अप्रैल को सुनवाई होने वाली है. यूट्यूबर ने अपनी याचिका में सभी मामलों को एक साथ मर्ज करने की और एक ही जगह सुनवाई करने अपील की है. मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष उल्लेखित किया गया था.
बता दें कि मनीष कश्यप को तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मजदूरों पर हमले के फर्जी वीडियो वायरल करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. उसके खिलाफ बिहार पुलिस और तमिलनाडु पुलिस ने मामला दर्ज किया था. उस पर सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने का आरोप लगाया गया है. उसने 18 मार्च को आत्मसमपर्ण किया था. तब से वह न्यायिक हिरासत में है.
मनीष के वकील की मांग
इससे पहले मनीष के वकील ने सर्वोच्च न्यायालय से मांग की थी कि पुलिस को निर्देश दें कि अपना हाथ दूर रखे. जिस पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हम बलपूर्वक कार्रवाई नहीं करने का आदेश देंगे. वकील ने जब कोर्ट को बताया कि मुवक्किल पहले से ही पुलिस की हिरासत में है. इस पर सीजेआई ने कहा था कि इस स्थिति में हम बलपूर्वक कार्रवाई से नहीं रोक सकते हैं.
तमिलनाडु में बंद है मनीष
बता दें कि मनीष इस समय वह तमिलनाडु में बंद है. तमिलनाडु पुलिस ने मनीष पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत भी मामला दर्ज किया है. एनएसए उस व्यक्ति के पर लगाया जाता, जिससे राष्ट्र की सुरक्षा या सद्भाव को खतरा हो या खतरे की आशंका हो. इस कानून के तहत किसी व्यक्ति को 12 महीने तक न्यायिक हिरासत में रखा जा सकता है. इस कानून को वर्ष 1980 में बनाया गया था.