Govardhan Puja 2024: आचार्य मदन मोहन के अनुसार इस दिन सबसे पहले तेल मालिश करके स्नान करें. फिर घर के मुख्य द्वार पर गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाएं और उसके चारों ओर ग्वालबाल, पेड़ और पौधों की आकृतियां बनाएं. इसके बाद गोवर्धन पर्वत के बीच में भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति या तस्वीर रखकर उनकी पूजा करें.
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Govardhan Puja 2024: गोवर्धन पूजा हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर होती है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से सभी दुख दूर होने की मान्यता है. इस वर्ष 2 नवंबर 2024 को गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जा रहा है. वैदिक पंचांग के अनुसार प्रतिपदा तिथि 1 नवंबर 2024 को शाम 6:16 बजे शुरू होकर 2 नवंबर की रात 8:21 बजे समाप्त होगी. उदयातिथि के हिसाब से यह पर्व 2 नवंबर को मनाया जाएगा.
गोवर्धन पूजा विधि
आचार्य मदन मोहन के अनुसार इस दिन सबसे पहले तेल मालिश कर स्नान करें. फिर घर के मुख्य द्वार पर गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाएं और उसके चारों ओर ग्वालबाल, पेड़ और पौधों का चित्रण करें. इसके बाद गोवर्धन पर्वत के मध्य भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति या तस्वीर स्थापित कर उनकी पूजा करें. पूजा के दौरान भगवान को पंचामृत और विभिन्न पकवानों का भोग लगाएं. मान्यता है कि गोवर्धन पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है.
पूजा सामग्री
गोवर्धन पूजा के लिए जरूरी सामग्री में थाली, रोली, अक्षत, बताशा, धूप, दीप, कलश, केसर, नैवेद्य, मिठाई, गंगाजल, पान, फूल, दही, शहद, फूलों की माला, खीर, सरसों के तेल का दीपक, गोबर, गोवर्धन पर्वत की तस्वीर, श्रीकृष्ण की मूर्ति या चित्र और गोवर्धन पूजा की कथा शामिल है.
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