Kartik Amavasya 2024: कब है कार्तिक अमावस्या? जानें तारीख, शुभ मुहूर्त और पितरों की पूजा का समय
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Kartik Amavasya 2024: कब है कार्तिक अमावस्या? जानें तारीख, शुभ मुहूर्त और पितरों की पूजा का समय

Kartik Amavasya 2024 Date: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक अमावस्या के दिन स्नान-दान करने से व्यक्ति को अक्षय पुण्य और भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है. इस दिन पितरों की पूजा और तर्पण करना भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, जिससे पितृ दोष से मुक्ति पाई जा सकती है. आचार्य मदन मोहन से जानते हैं कि इस साल कार्तिक अमावस्या कब है और पूजा का शुभ समय क्या रहेगा.

Kartik Amavasya 2024: कब है कार्तिक अमावस्या? जानें तारीख, शुभ मुहूर्त और पितरों की पूजा का समय

Kartik Amavasya 2024 Date: हिंदू धर्म में कार्तिक अमावस्या का विशेष महत्व है, जो हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान करना बेहद पुण्यदायक माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक अमावस्या पर स्नान-दान करने से व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इसके साथ ही इस दिन पितरों की पूजा और तर्पण का भी विशेष महत्व है, जिससे पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. आचार्य मदन मोहन से आइए जानते हैं इस साल कार्तिक अमावस्या कब है और पूजा का शुभ समय क्या है.

कार्तिक अमावस्या 2024 की तारीख
हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर 2024 को दोपहर 3 बजकर 52 मिनट से शुरू होकर 1 नवंबर को शाम 6 बजकर 16 मिनट पर समाप्त होगी. इसलिए कार्तिक अमावस्या का व्रत 1 नवंबर 2024, शुक्रवार को रखा जाएगा.

कार्तिक अमावस्या 2024 के शुभ मुहूर्त
इस दिन कई शुभ मुहूर्त हैं जिनमें स्नान, दान और पूजा करना अत्यंत लाभकारी होता है.

  • ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 4:48 से 5:40 बजे तक
  • प्रातः सन्ध्या – सुबह 5:14 से 6:32 बजे तक
  • अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11:39 से 12:23 बजे तक

कार्तिक अमावस्या पर विशेष शुभ योग
इस बार कार्तिक अमावस्या पर दो शुभ योग बन रहे हैं: प्रीति योग और आयुष्मान योग. प्रीति योग सूर्योदय से लेकर सुबह 10:41 बजे तक रहेगा, जिसके बाद आयुष्मान योग पूरे दिन और रात रहेगा. इन योगों में पूजा-अर्चना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है.

स्नान-दान का शुभ समय
कार्तिक अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान और दान करना अत्यंत लाभकारी माना गया है, क्योंकि इस माह में भगवान विष्णु जल में वास करते हैं. यदि नदी में स्नान संभव न हो तो घर पर स्नान के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं. इस दिन स्नान-दान का शुभ समय सुबह 10:41 बजे तक है.

पितरों की पूजा का समय
कार्तिक अमावस्या पर पितरों के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध का विशेष महत्व है. इस दिन सुबह 11:30 बजे से लेकर दोपहर 3:30 बजे के बीच पितरों की पूजा और तर्पण करने से उन्हें संतोष मिलता है और पितृ दोष दूर होता है.

कार्तिक अमावस्या का धार्मिक महत्व
ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति पूरे कार्तिक मास में पवित्र नदियों में स्नान करता है, उस पर भगवान विष्णु की विशेष कृपा होती है. कार्तिक अमावस्या पर स्नान-दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी धार्मिक ग्रंथों, पंचांग और ज्योतिषीय मान्यताओं पर आधारित है. इसका उद्देश्य केवल जानकारी देना है. किसी भी जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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