Independence Day 2024: 13 अगस्त 1942 को सीवान में अंग्रेजों ने किया तांडव, शहीद हो गए थे तीन लाल, वो मंजर आज भी नहीं भूला बिहार
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Independence Day 2024: 13 अगस्त 1942 को सीवान में अंग्रेजों ने किया तांडव, शहीद हो गए थे तीन लाल, वो मंजर आज भी नहीं भूला बिहार

 Independence Day 2024: बिहार के सीवान में 13 अगस्त 1942 को अंग्रजों ने सभी पर गोलियों की बौछार कर दी थी. जिसमें बिहार के तीन वीर सपूत शहीद हो गए थे.

13 अगस्त 1942 को सीवान में अंग्रेजों ने किया तांडव

सीवान: भारत की आजादी में बिहार के भी कई वीर सपूतों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी. आज ही के दिन सीवान में तीन क्रांति के योद्धा आजादी की लड़ाई में अंग्रेजों से लड़ते हुए शहीद हो गए थे. उन्हीं अमर शहीदों के सम्मान में शहर के शहीद सराय स्थित शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया. राष्ट्रीय युवा जन जागरण सेवा संस्थान के द्वारा लोगों ने अमर शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किया. आजादी की लड़ाई में तीन युवा झगडू साह, बच्चन प्रसाद और छठू गिरि शहीद हुए थे. इन्हीं शहीदों के शहादत की निशानी में सीवान शहर के इस स्थान का नाम शहीद सराय पड़ा.

गौरतलब है कि 13 अगस्त, 1942 को सीवान शहर के शहीद सराय में ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ स्वतंत्रा के दीवाने आंदोलन करने को लेकर इकठ्ठे हुए थे. शहर का चप्पा-चप्पा क्रांति और शहादत के नारों से गूंज उठा था. इस आंदोलन का नेतृत्व झगडू साह, बच्चन प्रसाद और छठू गिरि कर रहे थे. जैसे ही शहीद सराय में सभा आरम्भ हुई, तभी ब्रिटिश मजिस्ट्रेट सराय पहुंचे और सभा बंद करने की चेतावनी देने लगे,लेकिन आंदोलनकारी हटने को तैयार नहीं थे. तभी बौखलाए सिपाहियों ने आंदोलनकारियों पर लाठीचार्ज कर दिया. इस पर आंदोलनकारी आक्रोशित हो गए और पत्थरबाजी करने लगे.

इसके बाद ब्रिटिश सिपाहियों ने गोलियां चलानी शुरू कर दी. इस दौरान गोली लगने से झगडू साह, बच्चन प्रसाद और छट्ठू गिरि शहीद हो गए. वहीं 50 से अधिक आंदोलनकारी घायल हो गए थे. झगडू साह तीतरा के मिश्रौली गांव के रहने वाले थे और बच्चन प्रसाद जीरादेई के ठेपहां गांव के रहने वाले थे.वहीं छठू गिरी सारण जिले के दाऊदपुर के रहने वाले थे. आजादी के लिए अपनी शहादत देने वाले इन योद्धाओं की स्मृति में कही कुछ नहीं है. उनके यादों को सजाने का सपना सपना ही रह गया.

इनपुट- अमित सिंह

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