Bihar News: बिहार के बगहा में आयोजित किसान मजदूर यूनियन की बैठक में बगहा को राजस्व जिला बनाने की मांग की गई. किसानों ने इसके लिए आंदोलन की भी चेतावनी दी है.
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बगहा: बगहा में सोमवार को किसान मजदूर यूनियन की बैठक का आयोजन शहर के नरैनापुर में किया गया. इस दौरान भाकपा माले और किसान मजदूर यूनियन के साथ बार एसोसिएशन के अधिकारी मौजूद रहे. जहां विभिन्न मांगों के समर्थन में सरकार को घेरने की रणनीति तैयार की गई. दरअसल नेपाल और उत्तर प्रदेश सीमा पर स्थित बगहा में हर वर्ष बाढ़ और कटाव से हजारों किसानों के साथ साथ आम लोगों को दो चार होना पड़ता है. लिहाजा विगत वर्ष गंडक समेत मसान नदियों के कटाव पीड़ितों को अविलम्ब मुआवजा देने की मांग प्रमुखता से उठी. वहीं गंडक नदी समेत मसान नदियों के तट पर 2 किलोमीटर गाइड बांध निर्माण करवाने की वर्षों से चल रही मांग कों पूरा करने पर ज़ोर दिया गया.
इधर किसानों के ऋण माफ करने को लेकर सरकार इस पर निर्णय लेक़र बड़े उद्योगपतियों का जैसे लोन माफ़ क़र रही है उसी तरह चम्पारण के किसानों को भी क़र्ज़ से मुक्ति मिले. इसके अलावा शहर के कैलाश नगर के विस्थापित हजारो परिवारों को उनके आवास वाले जमीन का मालिकाना हक देने की मांग दोहराई गई. जबकि वर्ष 1996 में पुलिस ज़िला बने बगहा को राजस्व ज़िला का दर्ज़ा देने की बहुप्रतिक्षित मांग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा वादे के बावजूद करीब 20 वर्षों के शासनकाल में पूरा नहीं किए जाने पर कड़ी नाराज़गी जताई गई. लोगों ने एक स्वर में कहा कि नेपाल और यूपी सीमा पर अवस्थित बगहा अगर राजस्व जिला बन जाता है तो यहां का समग्र विकास हों जायेगा.
लिहाजा यूनियन का चुनाव कर नई कमेटी का गठन किया गया. जिसमें सर्वसम्मति से बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष वरिय अधिवक्ता महफूज आलम को किसानों और मजदूरों के साथ भाकपा माले नेताओं ने अध्यक्ष चुना. इसके साथ हीं यूनियन सरकार का घेराव क़र आंदोलन को गति देने की योजना पर संगठन विस्तार में जुट गई है. इसकी जानकारी देते हुए भाकपा माले के वरिष्ठ नेता दयानन्द द्विवेदी ने कहा कि सरकार की नीति किसान मजदूर विरोधी है. क्योंकि बड़े उद्योपती को ऋण माफ़ी दी जा रही है. जबकि किसान आज भी पिसे जा रहे हैं.
सवाल है की आख़िर यह भेदभाव कब तक चलेगा अब जनता और इसे बर्दास्त नहीं करने वाली है. क्योंकि सरकारी दफ़्तरों में अधिकारी और कर्मी अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं. अराजकता औऱ भ्रष्टाचार बेतहाशा बढ़ गया है. बताया जा रहा है कि बाढ़ औऱ बरसात पूर्व किसान हित में जिले को कटाव से बचाव की मांग को लेकर हुंकार भरी गई है. लिहाजा भाकपा माले के वरिष्ठ नेता दयानन्द द्विवेदी के नेतृत्व में किसान मजदूर यूनियन का नए सिरे से गठन क़र जन आंदोलन तेज़ करने की चेतावनी दी गईं. मौके पर सामाजिक कार्यकर्त्ता मकसूद आलम मुन्ना, रामायण राम, मुनिरका गोंड, अर्जुन बीन समेत किसान चौधरी औऱ सतीश राव, लालसाहेब यादव के साथ दर्जनों कटाव पीड़ित मौजूद रहे.
इनपुट- इमरान अजीज
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