वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व (Valmiki Tiger Reserve) के CF डॉ. नेशामणि के ने नाटकीय ढंग से रेस्क्यू टीम को एक बकरा लोहे के पिंजरे के पास बांधने की सलाह दी. करीब 15 दिनों के बाद उसी लोहे के पिंजरे में तेंदुआ को कैद कर लिया गया है. जिसके बाद दियारा के लोगों समेत वन विभाग की टीम ने राहत की सांस लिया है.
पश्चिमी चंपारण के बगहा में पिपरासी से खूंखार तेंदुआ को वन विभाग ने आख़िरकार पकड़ लिया है. दरअसल, बीते 10 दिसम्बर से पिपरासी इलाके में तेंदुआ नें आतंक मचा रखा था.
बताया जा रहा है कि वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व जंगल (Valmiki Tiger Reserve) से भटककर दियारा के रास्ते रिहायशी इलाके में तेंदुआ पहुंचा था, जिसे पिपरासी के नोनीया टोली गांव में बिन्दा चौहान के घर के समीप वन विभाग की टीम नें सफल रेस्क्यू किया है.
बता दें कि पिपरासी सीमा से सटे धनहा के बंसी टोला क्षेत्र में कई दर्जन लोगों को इसी तेंदुआ नें हमला कर जख़्मी किया था. वहीं, दियारा में कई मेमनों/बकरों को भी वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व जंगल (Valmiki Tiger Reserve) से बाहर निकले तेंदुआ ने अपना निवाला बनाया था.
वन विभाग ने अपनी चालकी से तेंदुआ को पकड़ लिया, जिसे सुरक्षित पिंजरे में रखकर वन विभाग की टीम वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व जंगल के घने जंगल में छोड़ने की कवायद में जुटी है.
वहीं, तेंदुआ के खौफ में लोग खेती बाड़ी करने आने जाने में डर रहे थे. ग्रामीणों के साथ-साथ किसान और बच्चे दहशत में रह रहे थे, लेकिन वन विभाग की रेस्क्यू टीम शातिर तेंदुआ को पकड़ लिया.
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