Kisan Mahapanchayat in Delhi: बेरोजगारी के मुद्दे पर जंतर-मंतर पर किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने दिल्ली में प्रवेश के सभी बॉडर्स पर सुरक्षा बढ़ा दी है और गाडियों की कड़ाई से जांच की जा रही है.
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Traffic Jam after Kisan Mahapanchayat: बेरोजगारी के मुद्दे पर संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने जंतर-मंतर पर किसान महापंचायत चल रहा है, जिसे देखते हुए दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं और सभी सीमाओं पर आने-जाने वाली गाड़ियों की चेकिंग की जा रही है. इस वजह से कई जगह जाम के हालात बन गए हैं और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
महापंचायत में भाग लेने सैकड़ों किसान दिल्ली पहुंचे
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) द्वारा जंतर मंतर पर बुलाई गई ‘महापंचायत’ में भाग लेने के लिए भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच विभिन्न राज्यों से सैकड़ों किसान दिल्ली पहुंच रहे हैं. एसकेएम नेताओं ने दावा किया कि कुछ स्थानों पर किसानों को जंतर मंतर पहुंचने से रोका जा रहा है. हालांकि, दिल्ली पुलिस ने इस दावे को खारिज किया है.
एसकेएम के सदस्य और ‘महापंचायत’ के आयोजक अभिमन्यु सिंह कोहर ने कहा, 'महापंचायत एक दिवसीय शांतिपूर्ण कार्यक्रम है, जहां हम एमएसपी पर कानूनी गारंटी और बिजली संशोधन विधेयक 2022 रद्द करने समेत अपनी मांगों को दोहराएंगे.' बहरहाल, उन्होंने कहा कि पुलिस ने जंतर मंतर पर ‘महापंचायत’ के लिए अभी तक अनुमति नहीं दी है.
चिल्ला बॉर्डर पर लगा लंबा जाम
बेरोजगारी के मुद्दे पर जंतर-मंतर पर किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने दिल्ली में प्रवेश के सभी बॉडर्स पर सुरक्षा बढ़ा दी है और गाडियों की कड़ाई से जांच की जा रही है. इस वजह से नोएडा-दिल्ली चिल्ला बॉर्डर पर यातायात की आवाजाही काफी धीमी हो गई है और लंबा जाम लग गया है. पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर पर भी चौकियां लगा दी हैं और इस वजह से गाजीपुर बॉर्डर के पास ट्रैफिक जाम हो गया है.
टिकरी बॉर्डर से हटाई गई बैरिकेड
जंतर-मंतर पर किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए टिकरी बॉर्डर पर जो पुलिस तैनात की गई थी, अब वह पुलिस पीछे हट गई है. यानी अब किसान बेरोकटोक प्रदर्शन में शामिल होने के लिए जा सकते हैं. किसानों को रोकने के लिए लगाए गए लोहे और कंक्रीट के बैरिकेड भी हटा लिए गए हैं. बॉर्डर पर अब दिल्ली पुलिस के जवान किसानों को दिल्ली में आने से नहीं रोक रहे.
पर्सनल गाड़ियों से पहुंच रहे किसान
किसान इस बार ट्रैक्टर ट्रॉलियों की बजाए अपने निजी वाहनों और रेल के जरिए प्रदर्शन में शामिल होने के लिए दिल्ली जा रहे हैं. हालांकि इस बार संख्या उतनी नहीं है, जितनी टिकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन के समय थी. हालांकि, संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े कुछ संगठन इस प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं. किसानों का कहना है कि दिल्ली पुलिस अगर उन्हें रोकने का प्रयास करती तो जहां भी उन्हें रोका जाता वे वहां बैठकर प्रदर्शन शुरू कर देते. ऐसे में अब जब दिल्ली पुलिस पीछे हट गई है तो किसान 1 दिन का शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के बाद वापस घर जाने की बात कह रहे हैं.
राकेश टिकैत को गाजीपुर बॉर्डर छोड़ा गया
देश में बेरोजगारी के खिलाफ जंतर मंतर पर प्रदर्शन में हिस्सा लेने जा रहे किसान नेता राकेश टिकैत को रविवार को दिल्ली पुलिस ने गाजियाबाद बॉर्डर से हिरासत में ले लिया था. इसके बाद टिकैत को मधु विहार थाने भेज ले जाया गया. थाने के बाहर टिकैत समर्थकों की भीड़ बढ़ने लगी तो पुलिस ने उनको वापस दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर छोड़ दिया.
इससे पहले तीन कृषि कानूनों के बाद हुआ था प्रदर्शन
गौरतलब है कि नवंबर 2020 में पंजाब, हरियाणा तथा उत्तर प्रदेश के हजारों किसानों ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाल लिया था. इन कानूनों को एक साल बाद निरस्त कर दिया गया. केंद्र ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी सुरक्षा, किसानों के खिलाफ मामले वापस लेने समेत उनकी अन्य मांगों पर विचार करने का वादा किया था, जिसके बाद गत वर्ष दिसंबर में किसानों ने अपना आंदोलन निलंबित कर दिया था.
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