Chaudhary Devi Lal Birthday: चौधरी देवीलाल का नाम उन नेताओं में आता है, जो आजादी के पहले और बाद भारतीय राजनीति में सक्रिय भूमिका में नजर आए. एक बार उप प्रधानमंत्री और 2 बार हरियाणा के CM रहे ताऊ ने PM बनने से इनकार कर दिया था.
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Chaudhary Devi Lal Birthday: आज भारतीय राजनीति के किंगमेकर कहे जाने वाले चौधरी देवीलाल (Devilal) का जन्मदिन है. हरियाणा के सिरसा में जन्मे चौधरी देवीलाल को दबंग ताऊ के नाम से भी जाना जाता है. अपने स्वाभाव और खरी बोली के लिए लोगों के बीच मशहूर चौधरी देवीलाल का नाम उन नेताओं में आता है, जो आजादी के पहले और बाद भारतीय राजनीति में सक्रिय भूमिका में नजर आए.
चौधरी देवीलाल का व्यक्तिगत जीवन
चौधरी देवी लाल का जन्म 25 सितंबर, 1914 को हरियाणा के सिरसा में हुआ था और 6 अप्रैल 2001 को उन्होंने आखिरी सांस ली. साल 1926 में देवीलाल का विवाह हरखी देवी के साथ हुआ था, उनके 5 बच्चे हुए जिनमें 4 बेटे और 1 बेटी शामिल है. देवी लाल के चारों बेटे ओमप्रकाश चौटाला, प्रताप चौटाला, रणजीत सिंह तथा जगदीश चौटाला हैं और वर्तमान में उनके कई नाती-पोते हरियाणा की राजनीति में सक्रिय हैं. हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ओम प्रकाश चौटाला के बड़े बेटे अजय चौटाला के बेटे हैं.
स्वंतत्रता आंदोलन का हिस्सा
चौधरी देवीलाल ने स्वंतत्रता आंदोलन में हिस्सा लिया और देश को आजादी मिलने के बाद वो समाजसेवा करने लगे, जिसके बाद उनके राजनीतिक सफर की शुरुआत हुई. देवी लाल पहली बार साल 1952 में पंजाब से विधायक बने.
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राजनीतिक सफर
चौधरी देवीलाल एक बार उप प्रधानमंत्री, 2 बार बने हरियाणा के सीएम रहे. 19 अक्टूबर 1989 से 21 जून 1991 तक वो भारत के उप-प्रधानमंत्री रहे. वहीं पहली बार 21 जून 1977 से 28 जून 1979 और दूसरी बार 17 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 1989 तक हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे. उन्हें प्रधानमंत्री का पद भी दिया जा रहा था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया. देवीलाल ने कहा था कि मैं बुजुर्ग हूं सब मुझे ताऊ कहते हैं और मैं ताऊ ही बने रहना चाहता हूं.
सुर्खियों में रहा भ्रष्टाचार के खिलाफ नारा
चौधरी देवीलाल ने भ्रष्टाचार के खिलाफ 'तख्त बदल, दो ताज बदल दो , बेईमानों का राज बदल दो' का नारा दिया था, जो काफी सुर्खियों में रहा. दरअसल, 1989 में वो वीपी सिंह के साथ कई जनसभाएं कर रहे थे, इस दौरान राजस्थान के अलवर जिले के बहरोड़ में तीन बजे उनकी सभा होनी थी. किसी कारण की वजह से ताऊ उस सभी में रात 10 बजे तक नहीं आए, लेकिन लोग तब भी उनके इंतजार में वहां डटे रहे. तब उन्होंने मंच पर जाते ही लोगों से ये नारा लगवाया था.