दिल्ली में मेयर चुनाव मामले पर केजरीवाल ने कहा "दिल्ली में चुनी हुई सरकार को 2 करोड़ लोगों के लिए काम करने दीजिए. संविधान को मज़बूत करने का काम कीजिए. सबसे वरिष्ठ पार्षद को प्रोटेम स्पीकर बनाया जाता है, जबकि इस मामले में भी एलजी (उपराज्यपाल) ने बीजेपी के पार्षद को प्रोटेम स्पीकर बनाने का काम किया है.
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नई दिल्लीः दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज LG को पत्र लिखकर दिल्ली की चुनी हुई सरकार को दो करोड़ लोगों के सपनों को पूरा करने की अपील की है. सीएम अरविंद केजरीवाल ने पत्र के माध्यम से LG से कहा है कि मैं और आप बहुत छोटे हैं. यह देश और लोकतंत्र महत्वपूर्ण है. आइए संविधान का सम्मान करें और लोकतंत्र को मजबूत करें. सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने पत्र में पिछले कुछ हफ्तों में LG द्वारा गलत तरीके से जारी आदेशों का हवाला देते हुए कहा है कि नियमानुसार, MCD में 10 सदस्यों को दिल्ली सरकार नामित करती आई है, लेकिन इस बार सरकार से बिना परामर्श किए इनको नामित कर दिया.
संविधान का अनुच्छेद 243 आर साफ तौर से मनोनीत सदस्यों को सदन में मतदान करने से रोकता है. उन्हें सदन में वोट दिलाने की कोशिश असंवैधानिक है. संविधान निर्वाचित सरकार को वरिष्ठ पार्षद को पीठासीन अधिकारी नामित करने का अधिकार देता है, लेकिन इसे दरकिनार किया गया. सीएम ने कहा है कि LG और चीफ सेक्रेटरी मिलकर समानांतर सरकार चला रहे हैं और चुनी हुई सरकार को दरकिनार कर आदेश व अधिसूचना जारी कर रहे हैं. दुर्भाग्य से दिल्ली की चुनी हुई सरकार की जगह LG के पास कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की शक्ति है. इसलिए अधिकारी गलत आदेश का भी विरोध नहीं करते हैं.
उन्होंने कहा कि भारत की राजधानी दिल्ली के शासन में अजीब चीजें हो रही हैं. भारत के संविधान के अनुसार, दिल्ली में लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार है. पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि जैसे तीन ‘आरक्षित’ विषयों को छोड़कर, समवर्ती और राज्य सूचियों में अन्य सभी विषयों पर कार्यकारी नियंत्रण निर्वाचित सरकार के पास है. निर्वाचित सरकार के नियंत्रण वाले विषयों को लोकप्रिय रूप से ‘स्थानांतरित’ विषय कहा जाता है. LG का तीन आरक्षित विषयों पर कार्यकारी नियंत्रण है. पिछले कुछ हफ्तों में कुछ बहुत ही विचित्र घटनाक्रम देखने को मिले हैं.
केजरीवाल ने आगे कहा कि एलजी व्यावहारिक रूप से हर विषय पर सीधे आदेश जारी कर रहे हैं, चाहे वह आरक्षित हो या स्थानांतरित हो. भले ही LG के पास ऐसा करने की शक्तियां हों या नहीं. एलजी सीधे मुख्य सचिव को निर्देश जारी करते हैं, जो निर्वाचित सरकार को दरकिनार और अनदेखा करते हुए उन्हें पूरी तरह से लागू करवाते हैं. कोई पूछेगा कि अधिकारी एलजी के अवैध आदेशों को क्यों लागू कर रहे हैं? क्योंकि नौकरशाही पर माननीय एलजी का पूरा नियंत्रण है. एलजी के पास दिल्ली सरकार के किसी भी कर्मचारी के खिलाफ स्थानांतरण, निलंबन या कोई अन्य कार्रवाई करने की शक्ति है.
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LG को केजरीवाल ने लिखा पत्र
सीएम अरविंद केजरीवाल ने उदाहरण देते हुए पत्र में लिखा है कि दिल्ली नगर निगम अधिनियम के अनुसार, विशिष्ट ज्ञान वाले 10 सदस्यों को राज्य सरकार द्वारा नामित किया जा सकता है. आज तक, पिछले कई दशकों से, इन 10 सदस्यों को हमेशा दिल्ली की चुनी हुई सरकार द्वारा मनोनीत किया जाता था. इस प्रथा का पालन पिछले उपराज्यपाल अनिल बैजल ने भी किया था. हालांकि, एक सुबह उपराज्यपाल ने 10 नाम तय किए (जाहिर तौर पर सभी भाजपा पृष्ठभूमि वाले) और मुख्य सचिव को अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया.
मुख्य सचिव ने निर्देश का अनुपालन किया और चुनी हुई सरकार को अखबारों से पता चला. जबकि यह एक स्थानांतरित विषय है और संविधान के अनुसार, निर्वाचित सरकार के पास इन सदस्यों को मनोनीत करने की शक्ति थी. इसी तरह, दिल्ली नगर निगम अधिनियम के अनुसार, पहले दिन सभी पार्षदों को शपथ दिलाने और मेयर का चुनाव कराने के लिए पार्षदों में से एक को पीठासीन अधिकारी के रूप में नामित किया जाता है, जिसके बाद मेयर पदभार ग्रहण करता है. परंपरा यह रही है कि सदन के वरिष्ठतम सदस्य, पार्टी संबद्धता के बावजूद, इस कार्य के लिए राज्य सरकार द्वारा नामित किया जाता है.
वहीं इस बार, एक सुबह, माननीय एलजी ने कुछ भाजपा पार्षद का नाम तय किया और मुख्य सचिव को अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया. हमेशा की तरह मुख्य सचिव ने अनुपालन किया. दिलचस्प बात यह है कि नामांकित व्यक्ति वरिष्ठतम सदस्य नहीं है. इसलिए पुरानी परंपरा को भी दरकिनार कर दिया गया. निर्वाचित सरकार पूरी तरह से इस मामले से बाहर थी. हालांकि संविधान निर्वाचित सरकार को पहले पीठासीन अधिकारी को नामित करने का अधिकार देता है, क्योंकि यह एक स्थानांतरित विषय है.
सीएम अरविंद केजरीवाल ने पत्र के आखिर में लिखा है, मैं और आप बहुत छोटे हैं. यह देश महत्वपूर्ण है. भारत महत्वपूर्ण है. हमारा लोकतंत्र, जो हमें लंबे स्वतंत्रता संग्राम के बाद मिला है, यह महत्वपूर्ण है. आइए, हम सब मिलकर अपने देश और लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए काम करें. दिल्ली के दो करोड़ लोगों ने अपने सपनों को पूरा करने के लिए इतनी प्रचंड बहुमत वाली सरकार चुनी है. चुनी हुई सरकार सीधे जनता के प्रति जवाबदेह होती है. कृपया चुनी हुई सरकार को जनता के लिए काम करने दें. आइए, संविधान का सम्मान करें.
सीएम अरविंद केजरीवाल ने चिट्ठी को अटैच करते हुए ट्वीट कर कहा है कि मैंने माननीय एलजी को चिट्ठी लिखी है कि कृपया चुनी हुई सरकार को दो करोड़ लोगों के सपनों को पूरा करने दें. आइए संविधान का सम्मान करें। आइए लोकतंत्र को मजबूत करें. संविधान में निर्धारित भूमि के कानून का हवाला देते हुए, सीएम अरविंद केजरीवाल ने आज एक ट्वीट कर कहा कि संविधान का अनुच्छेद 243आर स्पष्ट रूप से नामित सदस्यों को सदन में मतदान करने से रोकता है और उन्हें सदन में मतदान कराने का प्रयास असंवैधानिक है.